दिल्ली पुलिस के डीसीपी (ट्रैफिक) शशांक जायसवाल रात के तकरीबन ढाई बजे अपनी मां से मिलने जा रहे थे। कार धौला कुआं के सुब्रतो पार्क को क्रॉस करते हुए  उनकी नज़र एक पलटी हुई कार पर पड़ी। उन्होंने तुरंत ड्राइवर को गाड़ी रोकने का आदेश दिया। वहां एक कार के भीतर एक पुरुष और महिला फंसे हुए थे, वह दरवाजा नहीं खोल पा रहे थे। 

डीसीपी जायसवाल उनकी टीम और कुछ राहगीरों ने मिलकर दंपत्ति की जान बचाई और उन्हें अस्पताल पहुंचाया। गाड़ी में फंसे शख्स एक आर्मी सूबेदार और उनकी पत्नी एयरफोर्स में अधिकारी थे। डीसीपी (ट्रैफिक) शशांक जायसवाल के इस कदम की अब काफी सराहना हो रही है। 

डीसीपी ने बताया कैसे की मदद? 

डीसीपी जायसवाल उनकी टीम और आसपास खड़े लोगों ने कार की खिड़कियां तोड़कर दंपत्ति को बाहर निकाला। डीसीपी ने कहा, “सौभाग्य से उन्हें कोई गंभीर चोट नहीं आई। दंपत्ति दिल्ली कैंट में अपने घर जा रहे थे। वे एक ट्रक से टक्कर से बचने की कोशिश कर रहे थे, तभी उनकी कार पलट गई।” जायसवाल ने कहा कि अगर वाहन में आग लग जाती तो स्थिति खतरनाक हो सकती थी। अब डीसीपी के इस कदम की काफी सराहना हो रही है। फिलहाल दंपति एकदम सुरक्षित हैं।

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 यह पहली बार नहीं है कि जायसवाल दुर्घटना के पीड़ितों की मदद के लिए आगे आए हैं। 2 सितंबर को उन्होंने दक्षिण दिल्ली के महिपालपुर बाईपास के पास भीड़ देखी। मोटरसाइकिल दुर्घटना में घायल एक व्यक्ति बेहोश पड़ा था और उसके शरीर से काफी खून बह रहा था। उसकी भी डीसीपी ने काफी मदद की थी। जयसवाल ने ऑटोरिक्शा बुलाकर रंगपुरी निवासी अनिल कुमार को अस्पताल पहुंचाया। कुमार की जान बच गई। जायसवाल ने कुमार की जान बचाने का श्रेय ऑटोरिक्शा चालक दीपक पाल और ट्रैफिक कांस्टेबल जसबीर और शैलेश को दिया था।