केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया फिटनेस को लेकर बेहद सजग रहते हैं। वह हेल्थी लाइफ स्टाइल को पसंद करने वाले व्यक्ति हैं। इंडियन एक्सप्रेस के कॉलम Delhi Confidential के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद से ही वह एक ऐसी कैंटीन शुरू करना चाहते थे, जिसमें पौष्टिक आहार मिलें। अब उन्होंने इसके लिए आदेश जारी कर दिया है, जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को हेल्दी फूड परोसने वाली एक कैंटीन की शुरुआत कर दी। पहले दिन कैंटीन में मटर के साथ मूंगदाल का चीला परोसा गया। इस कैंटीन की देखरेख एडिश्नल सेक्रेटरी करेंगे।
पोप और कार्ल मार्क्स के कोट एक साथ, वो भी ही आर्ग्यूमेंट के लिए, हैरान रह गईं सीतामरण
Delhi Confidential में अगल खबर है CPI राज्यसभा सांसद बिनोय विस्वाम की। यह बेहद खास इसलिए है, क्योंकि उन्होंने अपने आर्ग्यूमेंट को साबित करने के लिए पोप कार्ल मार्क्स दोनों का उदाहरण दिया। शायद ही आपने पहले कभी ऐसा सुना होगा जो किसी ने एक ही आर्ग्यूमेंट को साबित करने के लिए पोप के साथ कार्ल मार्क्स का नाम लिया हो।
बुधवार को राज्य सभा में बिनोय विस्वाम ने निर्मला सीतारमण बजट 2022 की आलोचना करते हुए पोप फ्रांसिस के “नवउदारवाद और बाजार में विश्वास की सीमितता ” वाले कोट को पढ़ा। इसके तुरंत बाद बिनोय विस्वाम ने कार्ल मार्क्स का नाम लिया ही लिया था कि उनका टाइम खत्म हो गया, लेकिन वह मार्क्स के कोट को पूरा करने की कोशिश में बोल ही रहे थे कि निर्मला सीतारमण खड़ी हुईं और बोलीं- “क्या मैंने सही सुना, मैं यह पक्का करना चाहती हूं कि जो मैंने सुना वो सही सुना…”। उन्होंने पूछा कि विस्वाम ने पहले पोप को कोट किया और उसके तुरंत बाद मार्क्स को। इसके बाद सब लोग हंसने लगे। हालांकि, विस्वाम ने मार्क्स का कोट पूरा कर लिया इससे पहले कि अगले सांसद की स्पीच शुरू होती।
न्याय पाने के लिए जज साहब को कर दिया वॉट्सऐप पर मैसेज
गोलड स्कीम में धोखेबाजी के मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस एसके कौल ने बुधवार को इस बात पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “मेरे पास इस केस से जुड़े मैसेज वॉट्सऐप पर आ रहे हैं। कोई मेरे ग्रुप में मैसेज डाल रहा है। ” मामले की सुनवाई करने वाली बेंच में शामिल जसिटस एमएम सुंद्रेश ने भी चिंता जताते हुए कहा कि हम इन्वेस्टर्स की न्याय पाने की इच्छा का सम्मान करते हैं लेकिन वॉट्सऐप पर मैसेज भेजकर न्याय पाने का ये तरीका ठीक नहीं है। जज साहब ने कहा कि इस तरह की कोई भी गतिविधि न की जाए, यह सही नहीं है।