दिल्ली दंगों को लेकर राजनैतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। विभिन्न टीवी चैनल्स पर दिल्ली हिंसा को लेकर डिबेट कार्यक्रम हो रहे हैं। ऐसे ही एक कार्यक्रम के दौरान भाजपा और आप नेता आपस में भिड़ गए। आप नेता ने भाजपा नेताओं द्वारा भड़काऊ बयान देने के चलते दंगा भड़कने का आरोप लगाया। इस पर भाजपा प्रवक्ता ने सीएए के खिलाफ अराजक आंदोलन की आलोचना की।

भाजपा प्रवक्ता ने सीएए के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन पर कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने प्रदर्शनकारियों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन प्रदर्शनकारी सीएए कानून को वापस लेने पर अड़े रहे।

न्यूज 18 टीवी चैनल पर हुए कार्यक्रम के दौरान आप नेता कुलदीप कुमार ने दिल्ली हिंसा के बाद दंगा ग्रस्त इलाकों में अभी तक भाजपा नेताओं के ना जाने पर निशाना साधा। इस पर कार्यक्रम में मौजूद भाजपा प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने शाहीन बाग के धरने प्रदर्शन की आलोचना करते हुए कहा कि ‘डॉक्टर बाबा साहब अम्बेडकर जब देश का संविधान प्रस्तुत कर रहे थे, तब उन्होंने कहा था कि इस देश में अराजक, आक्रामक आंदोलनों के लिए इस संवैधानिक व्यवस्था में कोई जगह नहीं है।’

प्रेम शुक्ला ने उदाहरण देते हुए कहा कि 2003 में एक बम कांड के खिलाफ भाजपा और शिवसेना ने आंदोलन किया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उनसे जुर्माना वसूला गया।

इस पर आप प्रवक्ता ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि भड़काऊ भाषण देने वाले नेताओं के खिलाफ अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई? आप प्रवक्ता ने इसके बाद मशहूर शायर राहत इंदौरी का शेर पढ़ते हुए कहा कि “सभी का खून है इस मिट्टी में शामिल, किसी के बाप का हिन्दुस्तान थोड़ी है।”

इस पर भाजपा नेता प्रेम शुक्ला ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि ये ताहिर हुसैन जैसे लोगों को पाल रहे हैं। आप प्रवक्ता ने कहा कि सरकार आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करे, ताहिर हुसैन हो या फिर कपिल मिश्रा, सभी आरोपियों के खिलाफ एक्शन होना चाहिए।