Arvind Kejriwal Arrest: शराब नीति मामले में ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार दोपहर 2 बजे राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। जांच एजेंसी ने 10 दिन की रिमांड मांगी है। ईडी ने कोर्ट में सीएम को इस मामले का मास्टरमाइंड बताया है। ईडी ने कहा कि दिल्ली की शराब नीति बनाने में केजरीवाल सीधे तौर पर शामिल हैं। केजरीवाल ने अभी सीएम पद से इस्तीफा नहीं दिया है। आप नेताओं ने कहा कि केजरीवाल गिरफ्तारी के बाद इस्तीफा नहीं देंगे।
बता दें कि अभी तक देश में किसी भी मौजूदा सीएम को गिरफ्तार नहीं किया गया है। ये पहला ऐसा मामला है जब कोई सीएम पद पर रहते हुए अरेस्ट हुआ है। हालांकि, इससे पहले देश के अलग-अलग राज्यों के कई सीएम पर शिकंजा कसा गया था, लेकिन उन सभी ने गिरफ्तार होने से पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरने हुए थे गिरफ्तार
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से पहले झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन पर भी शिकंजा कसा था। 50 दिन पहले यानी 31 जनवरी 2024 को झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के तुरंत बाद प्रवर्तन निदेशालय ने हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले में अरेस्ट किया था। यह इस्तीफा प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों द्वारा रांची में उनके आधिकारिक आवास पर 7 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ के बाद दिया गया था।
लालू ने भी छोड़ी थी सीएम कुर्सी
इतना ही नहीं, चारा घोटाला मामले में सीबीआई ने लालू यादव पर एक्शन लिया था। उस समय वह बिहार के सीएम थे। उनकी पार्टी केंद्र में भी सत्ता में थी। लेकिन सीबीआई ने चार्जशीट फाइल कर दी थी। चार्जशीट दाखिल होने के बाद लालू को यह डर सताने लगा था कि वह अब गिरफ्तार होंगे। इसके बाद तुरंत अपने उत्तराधिकारी की खोज शुरू कर दी थी। इसके बाद दिल्ली के एक बड़े नेता के कहने पर लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी सत्ता पर आसीन हुई और बिहार की नई सीएम बनीं।
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता भी हुईं थी गिरफ्तार
अब दूसरे मामलों की बात की जाए तो तमिलनाडु की तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता की भी गिरफ्तारी हुई थी और उन्हें अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। सुब्रमण्यम स्वामी ने जयललिता के खिलाफ मामला दायर किया और आरोप लगाया कि 1991 से 1996 तक मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने आय के ज्यादा संपत्ति हासिल की। कोर्ट ने जयललिता को दोषी पाया था। कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद जयललिता ने पन्नीरसेल्वम को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था। जयललिलता 20 दिन तक जेल में रही थी और फिर बाहर आ गईं।
येदियुरप्पा की कुर्सी पर भी छाया था संकट
कर्नाटक के सीएम बीएस येदियुरप्पा की कुर्सी पर भी संकट के बादल मंडराए थे। साल 2011 में लोकायुक्त की रिपोर्ट के बाद उनकी कुर्सी छीन गई थी। दरअसल कर्नाटक के लोकायुक्त ने एक रिपोर्ट जारी कर कहा था कि सीएम कार्यालय अवैध उत्खनन के काम में सक्रिय है। इसके बाद यह मामला सीबीआई के पास चला गया और बीजेपी बैकफुट पर आ गई। येदियुरप्पा अपने पद छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे और बीजेपी आलाकमान ने उन्हें हटाने का फैसला कर लिया था। येदियुरप्पा ने पार्टी से नाराजगी जाहिर की और पद छोड़ दिया। सीएम पद छोड़ने के बाद येदियुरप्पा को अरेस्ट कर लिया गया।
जेल से सरकार चलाना मुमकिन
अब सभी के सामने दूसरा सवाल है कि क्या सीएम अरविंद केजरीवाल जेल से सरकार चला सकते हैं। तिहाड़ जेल के पूर्व लॉ ऑफिसर ने कहा कि जेल से सरकार चलाना आसान काम नहीं है। जेल मैनुअल के मुताबिक, सप्ताह में दो बार ही घर वालों या दोस्तों से या किसी और से मिला जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर केजरीवाल को हफ्ते में दो बार लोगों से मिलने की परमिशन मिलती है तो उससे सरकार नहीं चलेगी। जेल नियमों के हिसाब से किसी जगह को जेल डिक्लेयर किया जा सकता है। यानी कि घर को भी जेल डिक्लेयर किया जा सकता है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के एक अन्य वकील ने कहा कि सीएम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कैबिनेट की मीटिंग ले सकते हैं। लेकिन उसके लिए जेल के प्रशासन की मंजूरी लेना जरूरी है।