बिहार की राजधानी पटना में 23 जून को विपक्ष के नेताओं की बैठक है। वहीं इस बैठक से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सभी विपक्षी नेताओं को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने सभी विपक्षी नेताओं से केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन मांगा है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने दिल्ली में एक प्रयोग किया है और अगर वो इस प्रयोग में सफल हो जाते हैं तो अन्य गैर बीजेपी शासित राज्यों में भी ऐसा करेंगे और चुनी हुई सरकार की शक्तियों को कम करेंगे।

दिल्ली में अध्यादेश लाकर केंद्र ने किया प्रयोग: अरविंद केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल ने पत्र में लिखा कि दिल्ली में अध्यादेश लाकर केंद्र ने एक प्रयोग किया है और अगर वे सफल हो जाते हैं तो वे गैर बीजेपी शासित राज्यों के लिए भी ऐसे ही अध्यादेश जारी करके Concurrent list में दिए गए सभी विषयों से राज्यों के अधिकारी छीन लेगी। केजरीवाल ने कहा कि ऐसे में सभी दलों और सभी लोग मिलकर इसे किसी भी हालत में संसद में पास न होने दें।

अरविंद केजरीवाल ने अपने पत्र में कहा कि अगर ये अध्यादेश संसद में पारित हो जाता है तो फिर दिल्ली वाले कोई भी सरकार चुने, उसकी कोई पॉवर नहीं होगी। उन्होंने कहा कि एलजी के जरिए केंद्र सरकार दिल्ली में भी सरकार चलाएगी, चाहे दिल्ली के लोग किसी भी पार्टी की सरकार चुने और फिर इसके बाद दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों में भी एक-एक करके जनतंत्र खत्म कर दिया जायेगा।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वो दिन दूर नहीं जब प्रधानमंत्री 33 राज्यपालों और एलजी के माध्यम से सभी राज्य सरकारें चलाएंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे अध्यादेश लाकर केंद्र सरकार किसी भी पूर्ण राज्य से सारे अधिकार छीन सकती है।

‘सबसे पहले अध्यादेश पर हो चर्चा’

अरविंद केजरीवाल ने सभी नेताओं से अपील की कि जब 23 को विपक्षी नेताओं की बैठक शुरू हो, तो उसमें इस अध्यादेश पर सभी पार्टियों का स्टैंड, और इसे संसद में हराने की रणनीति पर सबसे पहले चर्चा हो। बता दें कि पटना में विपक्षी दलों की बैठक में 20 से अधिक दलों के नेता हिस्सा लेंगे।