मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए जारी पांचवें समन को लेकर शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश नहीं होंगे। पार्टी के सूत्रों ने यह जानकारी दी। केजरीवाल चंडीगढ़ महापौर चुनाव में धोखाधड़ी के खिलाफ शुक्रवार को भाजपा मुख्यालय के बाहर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे।

पिछले चार महीनों में केंद्रीय एजेंसी द्वारा जारी किए गए चार पहले समन में शामिल नहीं होने के बाद ईडी ने बुधवार को केजरीवाल को एक नया और पांचवां समन जारी किया। आप ने कहा है कि उनकी कानूनी टीम उत्पाद शुल्क नीति से जुड़े धन शोधन मामले में केजरीवाल को जारी किए गए समन का अध्ययन कर रही है।

AAP ने समन को बताया गैरकानूनी

दिल्ली के सीएम और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल आज भी ईडी के सामने पेश नहीं होंगे। आम आदमी पार्टी ने X पर लिखा, “यह समन गैरकानूनी है। हम वैध समन का पालन करेंगे। पीएम मोदी का लक्ष्य अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करना और दिल्ली सरकार को गिराना है। हम ऐसा नहीं होने देंगे।” आप ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पांचवीं बार जारी समन के बावजूद केंद्रीय एजेंसी के समक्ष पेश नहीं होंगे। बार-बार दिए जा रहे नोटिस उन्हें गिरफ्तार करने का प्रयास हैं।

बीजेपी नेताओं ने बताया INDIA गठबंधन के नेताओं का टूलकिट

वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ED के समन पर भाजपा नेता हरीश खुराना ने कहा, “अरविंद केजरीवाल ED के समन को गैरकानूनी कह रहे हैं। सवाल ये उठता है कि अगर ये समन गैरकानूनी है तो आप कोर्ट क्यों नहीं जा रहे हैं?” उन्होंने आगे कहा, “ये INDIA गठबंधन के सभी नेताओं का टूलकिट है। 10 बार समन टालने के बाद हेमंत सोरेन को भी ED के सामने पेश होना पड़ा। अरविंद केजरीवाल, कल अगर ED ने आपके खिलाफ सख्त कार्रवाई की तो आप बेचारा बनने की कोशिश मत कीजिएगा।”

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ED के समन पर भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, “अरविंद केजरीवाल एक-दो दिनों में अपने विधायकों की बैठक बुलाने जा रहे हैं और वहां पर वे अपना इस्तीफा देंगे। वे मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी धर्म पत्नी का नाम आगे रखेंगे। उसके बाद वे पेश होंगे क्योंकि वे जानते हैं कि जब वे पेश होंगे तो वो ED के इतने पुख्ता सबूतों को नकार नहीं पाएंगे।” केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कानून से ऊपर कोई नहीं है। हमारे संविधान निर्माताओं ने कानून का शासन तय किया है।