दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अंतरिम जमानत मिलने के बाद तिहाड़ जेल से बाहर आ गए है। सुप्रीम कोर्ट से उन्हें अंतरिम जमानत मिली। केजरीवाल एक जून तक अंतरिम जमानत पर बाहर रह सकेंगे। 2 जून को उन्हें सरेंडर करना होगा। 50 हजार के निजी मुचलके पर अरविंद केजरीवाल को जमानत मिली है। लेकिन इसके साथ ही उनपर कुछ शर्तें लगाई गई हैं।

इन शर्तों पर अरविंद केजरीवाल को मिली है जमानत:

  • 50 हजार के निजी मुचलके पर जमानत
  • मुख्यमंत्री दफ्तर नहीं जाएंगे और दिल्ली सचिवालय भी नहीं जाएंगे अरविंद केजरीवाल
  • बिना उपराज्यपाल की अनुमति के किसी फाइल पर साइन नहीं करेंगे
  • शराब नीति घोटाले में अपने भूमिका को लेकर कोई टिप्पणी करेंगे अरविंद केजरीवाल
  • किसी गवाह से संपर्क नहीं करेंगे अरविंद केजरीवाल

ED ने किया जमानत का विरोध

बता दें कि अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत का ईडी ने विरोध किया। ईडी ने 44 पेज का एक हलफनामा दायर किया था, जिसमें कहा गया कि एक नेता एक आम नागरिक से अधिक किसी विशेष दर्जे का दावा नहीं कर सकता है।

ईडी ने केजरीवाल की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि यदि चुनाव प्रचार के अधिकार को अंतरिम जमानत देने का आधार बनाया जाएगा, तो यह आर्टिकल 14 के सिद्धांतों का उल्लंघन होगा। ईडी ने तर्क दिया कि ऐसे तो आरोपी किसान भी फसल कटाई को अंतरिम जमानत का आधार बना सकता है।

खारिज हुई केजरीवाल की ये मांग

सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी के उस अनुरोध को खारिज कर दिया, जिसमें उन्हें 4 जून को लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने तक अंतरिम जमानत देने की मांग की गई थी।

जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल गाड़ी से बाहर आए और AAP के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हनुमान जी के आशीर्वाद से आपके बीच में हूं और देश को तानाशाही से बचाना है। सीएम केजरीवाल ने कहा कि शनिवार सुबह 11 बजे कनॉट प्लेस मंदिर में आप सभी आइए और हम हनुमान जी का दर्शन करेंगे।