दिल्ली विधानसभा कैग रिपोर्ट- दिल्ली विधानसभा में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी कैग रिपोर्ट सीएम रेखा गुप्ता ने पेश कर दी है। इससे पहले शराब नीति पर रिपोर्ट पेश की गई थी, जिसे लेकर सियासी हंगामा हुआ था। सूत्रों का कहना कि रिपोर्ट में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और सरकारी अस्पतालों के कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। इसके मद्देनजर भाजपा ने 13 अन्य रिपोर्टों के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवा से संबंधित कैग रिपोर्ट को विधानसभा में पेश करने का दबाव बनाया था, लेकिन आप सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया था। रिपोर्ट में अस्पतालों में बेड व डॉक्टरों की कमी, चिकित्सा सुविधाओं का अभाव और मरीजों के इलाज में हो रही देरी जैसे मुद्दों को प्रमुख रूप से उठाया गया है।
दिल्ली की कानून-व्यवस्था को लेकर बड़ी बैठक: दिल्ली की कानून-व्यवस्था को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ी बैठक की थी। बैठक में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, दिल्ली के गृह मंत्री आशीष सूद, दिल्ली पुलिस कमिश्नर और आईबी चीफ भी शामिल थे।
Delhi Assembly Session: कैग की दूसरी रिपोर्ट स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित है।
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा, “सदन में CAG रिपोर्ट पर चर्चा होगी… काफी बड़ी संख्या में सदस्य CAG रिपोर्ट पर चर्चा चाहते हैं… यह(CAG रिपोर्ट) एक संवैधानिक दायित्व था। (AAP)सरकार का यह अधिदेश था कि वे CAG रिपोर्ट में को सदन में लाएं लेकिन बहुत दुख की बात है कि उन्होंने ऐसा नहीं किया…इसके पीछे एक ही मंतव्य था कि लोगों तक सच ना पहुंचे।”
आम आदमी पार्टी ने बुधवार को कहा कि वह दिल्ली में भाजपा के सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय से भीमराव अंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें हटाने के खिलाफ अपना विरोध जारी रखेगी। आप विधायक संजीव झा के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनकी पार्टी के सहयोगी कुलदीप कुमार ने दावा किया कि उनकी पार्टी के विधायकों को “जय भीम” का नारा लगाने के लिए विधानसभा से निलंबित कर दिया गया।
उन्होंने कहा, “बीजेपी विधायक ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगा रहे थे, लेकिन ‘जय भीम’ का नारा लगाने के कारण आप विधायकों को सदन से निलंबित कर दिया गया।” झा ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय से चित्रों को “हटाना” बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आप इसके खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन जारी रखेगी। उन्होंने मांग की कि अंबेडकर और भगत सिंह के चित्र उसी तरह प्रदर्शित किए जाएं जैसे आप के सत्ता में रहने के दौरान किए गए थे।
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने मंगलवार को उपराज्यपाल वीके सक्सेना के नवगठित सदन के उद्घाटन भाषण में बाधा डालने के लिए विपक्ष की नेता आतिशी सहित 21 आप विधायकों को तीन दिनों के लिए निलंबित कर दिया।
दिल्ली विधानसभा सत्र के तीसरे दिन मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता डिप्टी स्पीकर पद के लिए भाजपा विधायक मोहन सिंह बिष्ट के नाम का प्रस्ताव रखेंगी। बिष्ट को इस पद पर चुनने के लिए दो अलग-अलग प्रस्ताव पेश किए जाएंगे – एक सीएम गुप्ता द्वारा और दूसरा गजेंद्र सिंह यादव द्वारा समर्थित विधायक अनिल कुमार शर्मा द्वारा। इस पद के लिए कोई अन्य दावेदार नहीं है। छह बार के विधायक और वरिष्ठ भाजपा नेता बिष्ट ने 5 फरवरी को हुए दिल्ली चुनाव में मुस्तफाबाद विधानसभा सीट जीती थी। उन्होंने आप के अदील अहमद खान को 17,000 से अधिक मतों से हराया।
दिल्ली सरकार में मंत्री आशीष सूद ने CAG रिपोर्ट पर कहा, “CAG पर गंभीर चर्चा दिल्ली में हुए भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए होनी आवश्यक है। परसों यह रिपोर्ट टेबल हुई थी… जिस पर आगे चर्चा होगी… बहुत ही दिल दहला देने वाली बातें सामने आई थीं, देखते हैं आज क्या-क्या इस विषय पर सामने आता है।”
सीएजी के मुताबिक, साल 2021-22 की नई शराब नीति को शराब के कारोबार में मनमानी रोकने, दिल्ली के सभी इलाकों में शराब की सप्लाई को पुख्ता करने, कारोबार में पारदर्शिता लाने जैसे मक़सद से तैयार किया गया था। सीएजी ने कहा है कि दिल्ली की नई शराब नीति बनाने में इसके लिए बनाई गई एक्सपर्ट कमेटी के सुझावों को अनदेखा कर दिया गया। इस नीति में दिल्ली में शराब के थोक व्यापार का लाइसेंस सरकारी थोक विक्रेताओं की जगह निजी विक्रेताओं को दे किया गया। इन नीति में शराब बेचने वालों को 2 की जगह शराब बिक्री केंद्र के अधिकतम 54 लाइसेंस दिए गए।
सीएजी ने अपनी इस रिपोर्ट में साल 2017 से 21 के बीच दिल्ली की पुरानी शराब नीति से जुड़े कई नियमों के उल्लंघन की बात की है। इसमें आबकारी विभाग की तरफ से लाइसेंस देने में नियमों के उल्लंघन के बारे में बताया गया है। आबकारी विभाग शराब के थोक विक्रेताओं से लेकर खुदरा विक्रेता, होटल, क्लब और रेस्तरां इत्यादि को ज़रूरी शर्तों को पूरा करने के बाद उस साल के लिए लाइसेंस देता है। सीएजी ने अपने ऑडिट में पाया है कि इस प्रक्रिया में दिल्ली एक्साइज़ रूल- 35 का पालन नहीं किया गया, जो कई तरह के लाइसेंस जारी करने पर पाबंदी लगाता है। सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एक्साइज़ डिपार्टमेंट इस दौरान ज़रूरी नियम और शर्तों की जांच के बिना ही लाइसेंस जारी कर रहा था। सीएजी ने शराब की कीमतों को तय करने में पारदर्शिता की कमी, शराब की क्वालिटी कंट्रोल में कमी की तरफ भी अपनी रिपोर्ट में इशारा किया है। इस रिपोर्ट में कमज़ोर रेग्यूलेटरी फंक्शनिंग, एनफ़ोर्समेंट एजेंसी के काम में खामियां भी गिनाई हैं।
सीएजी की जिस रिपोर्ट को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हंगामा मचा हुआ है वह साल 2017-18 से 2020-21 के बीच का लेखा-जोखा है। इसी दौरान नवंबर 2021 के बाद दिल्ली में शराब नीति में बदलाव किए गए थे, जिसे 1 सितंबर 2022 को वापस ले लिया गया था। सीएजी ने अपने ऑडिट में दिल्ली में एक्साइज़ विभाग के अधीन शराब की सप्लाई में कई अनियमितताओं के बारे बताया है। सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में एक्साइज़ विभाग के कामकाज पर कई सवाल भी खड़े किए हैं और इससे क़रीब 2027 करोड़ रुपये के नुक़सान का अनुमान लगाया है। दिल्ली में शराब नीति का मुद्दा लंबे समय से एक राजनीतिक मुद्दा रहा है और इस पर बीजेपी ने उस वक़्त की आम आदमी पार्टी की सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इस मामले की प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी और सीबीआई ने भी जांच की है और आप के कई नेताओं को गिरफ़्तार भी किया गया था। हालांकि आम आदमी पार्टी लगातार किसी भी भ्रष्टाचार से इनकार करती रही है।
सीएजी के मुताबिक, दिल्ली को आबकारी विभाग से मिलने वाले कर राजस्व का एक बड़ा हिस्सा हासिल होता है, जो कुल टैक्स रेवेन्यू का क़रीब 14% है। दिल्ली में शराब की सप्लाई और इसकी बिक्री में कई स्तर पर लोग शामिल होते हैं। इसकी शुरुआत शराब बनाने वाले से होती है, जो दिल्ली के बाहर हैं। वहां से शराब दिल्ली के थोक विक्रेताओं के पास आती है। इसके बाद शराब अलग-अलग कॉरपोरेशन वेंडर्स, निजी वेंडर्स, होटल, क्लब और रेस्तरां के ज़रिए उपभोक्ताओं तक पहुंचती है। दिल्ली को शराब से एक्साइज़ ड्यूटी, लाइसेंस फ़ी, परमिट फ़ी, आयात-निर्यात शुल्क वगैरह के तौर पर राजस्व मिलता है।
सीएजी की रिपोर्ट पेश होने के बाद आम आदमी पार्टी दिल्ली की पूर्व कांग्रेस सरकार की शराब नीति को राजस्व में नुक़सान के लिए दोषी ठहरा रही है तो वहीं, बीजेपी एक बार फिर से राज्य की पिछली आप सरकार को घेर रही है।
कैग रिपोर्ट दिल्ली की उसी शराब नीति से जुड़ी हुई है, जिसमें हुए कथित घोटाले के आरोप में आम आदमी पार्टी की पिछली सरकार के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जेल भी जाना पड़ा था।
Delhi Assembly Session LIVE: दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा, “देश लोकतंत्र और संविधान से नहीं बल्कि तानाशाही से चल रहा है लेकिन हम इस तानाशाही को स्वीकार नहीं करेंगे। AAP का विधायक दल राष्ट्रपति से मिलने जा रहा है क्योंकि आखिरकार इस देश में लोकतंत्र और संविधान को बचाने की जिम्मेदारी राष्ट्रपति की है। यहां सैकड़ों CRPF दल के जवानों को एकत्रित किया गया है। ऐसा क्यों? क्या AAP के विधायक दल को डराने की कोशिश की जा रही है?…”
