कांग्रेस में 120 से ज्यादा नेताओं ने शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। दिल्ली और तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्षों और मध्य प्रदेश कांग्रेस महासचिव दीपक बाबरिया भी इस्तीफा देने वालों में शामिल हैं। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सचिव वीरेंद्र राठौर, राजेश धर्माणी, फॉरन सेल सेक्रटरी वीरेंद्र वशिष्ठ और अनिल चौधरी ने भी अपना इस्तीफा सौंप दिया है। कांग्रेस में इस्तीफों का दौर राहुल गांधी के बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि पार्टी के पदाधिकारियों और सीएम को हार का अहसास नहीं हुआ।
वहीं दिल्ली कांग्रेस ने बड़ा फैसला करते हुए ब्लॉक कांग्रेस भंग कर दी है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष शीला दीक्षित ने 280 ब्लॉक प्रमुखों को हटा दिया है। पार्टी में यह बदलाव लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद आए उठाए जा रहे हैं। दिल्ली में यह बड़ा बदलाव दीक्षित द्वारा गठित एक कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है।
उन्होंने लोकसभा चुनाव में हार के पीछे क्या कारण रहे इसका पता लगाने के लिए ही यह कमेटी गठित की थी। इस कमेटी में पांच सदस्य थे। ठीक एक दिन पहले कांग्रेस के लीगल डिपार्टमेंट के प्रमुख विवेक तन्खा ने भी अपने पद से इस्तीफा दिया है। स्वयं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी अपने इस्तीफे की पेशकेश कर चुके हैं। 25 मई को हुई पार्टी कार्य समिति की बैठक में राहुल ने इस्तीफे की पेशकश की थी। हालांकि कार्य समिति के सदस्यों ने उनकी पेशकश को खारिज करते हुए उन्हें आमूलचूल बदलाव के लिए अधिकृत किया था। इसके बाद से गांधी लगातार इस्तीफे की पेशकश पर अड़े हुए हैं।
राहुल इस्तीफा वापस लें: ताबड़तोड़ इस्तीफे और बर्खास्तगी के बीच हरियाणा प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुमित्रा चौहान ने भी अपना इस्तीफा पार्टी को भेज दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफे में कहा है कि वह तब तक कोई पद स्वीकार नहीं करेंगी जब तक राहुल गांधी अपने इस्तीफे के फैसले को वापस नहीं ले लेते।
राहुल ने दिल्ली कांग्रेस के नेताओं से मुलाकात की: राहुल ने पार्टी की दिल्ली इकाई के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की जिसमें आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा की गई। सूत्रों के मुताबिक गांधी के आवास 12 तुगलक लेन पर हुई बैठक में प्रभारी पीसी चाको, शीला दीक्षित, कार्यकारी अध्यक्ष हारुन यूसुफ और राजेश लिलोठिया, पूर्व पीसीसी अध्यक्ष अजय माकन, जयप्रकाश अग्रवाल और अरविंदर सिंह लवली और पूर्व सांसद महाबल मिश्रा शामिल हुए। एक सूत्र ने बताया कि इस बैठक में लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सातों सीटों पर कांग्रेस के प्रदर्शन और आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा की गई।