देश की राजधानी दिल्ली की हवा के हालात इतने बदतर हो गए हैं कि आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रदूषण के जानलेवा स्तर से बचाव के लिए सरकारों को हर संभव प्रयास की हिदायत दी है और उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली हरियाणा, पंजाब और केंद्र सरकार से रिपोर्ट सबमिट करने के लिए भी कहा है। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को ऑड-ईवन कार राशनिंग योजना पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों के कार्यान्वयन पर चर्चा करने के लिए एक तत्काल बैठक बुलाई है। जहां कई तरह के फैसले लिए गए हैं, इस बैठक में दिल्ली सरकार के सभी महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री और अधिकारी मौजूद रहे हैं। गोपाल राय ने मीटिंग के बाद एक प्रेस वार्ता कर कई प्लान साझा किए हैं।

क्या बोले गोपाल राय?

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद देते हुए कहा कि इस मुद्दे पर मंत्रियों और अधिकारियों के साथ गहन चर्चा के बाद हमने आदेश जारी किया है कि स्मॉग टावर को कल तक पूरी क्षमता से चलाया जाना चाहिए। प्रदूषण पर निगरानी के लिए 611 टीमों का गठन भी किया गया है। रियल टाइम डेटा अपडेट करने का आदेश देने के लिए गोपाल राय ने सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद कहा और केंद्र सरकार पर निशाना साधा।

पड़ोसी सरकारों पर निशाना

मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण पर काबू पाने का पूरा प्रयास कर रही है। गोपाल राय ने कहा,” पिछले एक हफ्ते से हम केंद्र सरकार से हाथ जोड़कर विनती कर रहे थे, हमने केंद्र सरकार को कई पत्र लिखे हैं, पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखे हैं, जो आज प्रदूषण की स्थिति है आज पूरे उत्तर भारत की है, जब तक यह पांचों राज्य केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम नहीं करेंगे तब तक प्रदूषण की स्थिति को काबू कर पाना काफी मुश्किल काम है। लेकिन बाकि सभी सरकारें इसे लेकर गंभीर नहीं दिखाई दे रही हैं।” पटाखों पर प्रतिबंध को लेकर भी गोपाल राय ने पड़ोसी सरकारो पर निशाना साधा है।

कई अहम फैसले

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि हमने पहला ऑर्डर जारी किया है कि स्मॉग टावर पूरी क्षमता से काम करना शुरू कर देगा. रियल टाइम सोर्स अपार्टमेन्ट अध्ययन भी फिर से शुरू हो जाएगा।

बायोमास और ओपन बर्निग को लेकर भी 611 टीमों को गठन किया गया है। एप आधारित बाहर के राज्य से आने वाली टेक्सी को बैन करने का आदेश जारी किया गया है। ऑड-ईवन फॉर्मूला को लेकर स्टडी की रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा जाएगा।