कर्नाटक में बीजेपी चुनाव में हारने के बाद सत्ता गंवा चुकी है। लेकिन बीजेपी के नेता हार को हजम नहीं कर पा रहे हैं। वो कांग्रेस को घेरने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने दे रहे। ऐसे ही एक वाकये में बीजेपी के दो नेता संविधान के आर्टिकल 32 का हवाला देकर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड के पास पहुंच गए। उनका कहना था कि चुनाव में कांग्रेस की तरफ से किए गए झूठे वायदों को गंभीरता से लेकर सुनवाई करें।
सीजेआई ने पहले उनको कानूनी कायदा समझाया। लेकिन बीजेपी नेता बार-बार गुहार करते रहे तो उनका पारा चढ़ गया। वो बोले कि क्या आप समझते हैं कि हम कर्नाटक में जाकर इस बात की जांच करें कि कांग्रेस ने कौन से वायदे किए और किस तरह से प्रलोभन देकर वोटरों को भरमाया।
बीजेपी नेताओं का आरोप- चुनाव के दौरान 42 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस ने बांटे थे प्लास्टिक कार्ड्स
सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका (PIL) लेकर गौतम गौड़ा और प्रसाद केआर पहुंचे थे। दोनों ही हाल में हुए चुनाव में शिकस्त खा चुके हैं। उनका कहना था कि कांग्रेस ने गिफ्ट कार्ड बांटकर वोटरों को भ्रमित किया। उनकी दलील थी कि मामले की तह में जाकर सुप्रीम कोर्ट कोई फैसला करे। दोनों कह रहे थे कि कांग्रेस के नेताओं ने कम से कम 42 विधानसभा क्षेत्रों में भ्रष्ट आचरण के जरिये वोट जुटाए। उनका आरोप है कि वोटरों को प्लास्टिक कार्ड दिए गए। उनसे कहा गया था कि कांग्रेस नेता अगर चुनाव में विजयी हो जाते हैं तो वो कार्ड के माध्यम से कुछ रकम जुटा सकते हैं।
सीजेआई बोले- ऐसे मसलों को मत लाइए सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट बेहतर तरीके से कर सकते हैं सुनवाई
गौतम गौड़ा और प्रसाद केआर ने ये जनहित याचिका सीजेआई और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच के सामने लगाई थी। सीजेआई ने रिट को देखने के बाद दोनों को कहा कि वो कर्नाटक हाईकोर्ट में दरख्वास्त क्यों नहीं देते हैं। ये उनके इलाके का मामला है। चुनाव से जुड़ी याचिकाओं पर हाईकोर्ट बेहतर तरीके से सुनवाई कर सकता है। अच्छा होगा कि दोनों PIL लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट के पास जाए और उनको सारा मामला बताए।
बार-बार अपील से झुंझला गए सीजेआई- बोले- अब क्या हम खुद धरातल पर जाकर जांच करें, डिसमिस
अपने वकील के जरिये बीजेपी नेताओं ने सीजेआई से अपील की कि इस मामले में वो ही दूध का दूध और पानी का पानी कर सकते हैं। सीजेआई ने उनको फिर से समझाया कि सुप्रीम कोर्ट को ऐसे झमेलों में मत फंसाइए। आप हाईकोर्ट के पास अपनी शिकायत रखिए। बीजेपी नेताओं ने फिर से फरियाद की तो सीजेआई का पारा चढ़ गया। वो बोले- क्या आप हमसे उम्मीद कर रहे हैं कि हम धरातल पर जाकर सारे वाकये की जांच करें। कानून में कई सारे प्रावधान और भी हैं जिनको वो इस्तेमाल कर सकते हैं। हर मसले में सुप्रीम कोर्ट को मत डालिए। उसके बाद PIL डिसमिस कर दी।