आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के जजों के खिलाफ कथित तौर पर अभद्र टिप्पणी करने से जुड़े मामले में देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने ऐक्शन लिया है।
सीबीआई ने पांच लोगों को अरेस्ट किया है, जिसमें दो आरोपी रविवार (आठ अगस्त, 2021) को धरे गए, जबकि तीन पहले दबोचे गए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपियों ने जानबूझकर न्यायपालिका को निशाना बनाया और सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर जजों (उनके द्वारा दिए गए कुछ फैसलों के बाद) और जूडीश्यरी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं। केज दर्ज होने के बाद सीबीआई ने एफआईआर में 16 नामित आरोपियों में से 13 को ट्रेस कर लिया, जिनमें से तीन के विदेश में होने की खबर है। सीबीआई ने खबर लिखे जाने तक 13 में से 11 की गहनता से जांच पड़ताल की, जबकि इनमें से पांच गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
यही नहीं, सीबीआई दस्ते ने आरोपियों से जुड़े ठिकानों पर रेड भी डाली, जिसके बाद वहां से कई अहम दस्तावेज मिले। सीबीआई ने पिछले साल नवंबर में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत एक केस दर्ज किया था, जिसमें सेक्शन 506 और आईटी एक्ट का सेक्शन 67 शामिल है।
वैसे, जांच एजेंसी की ओर से यह ऐक्शन सीजेआई की उस टिप्पणी के बाद लिया गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि जब लोवर कोर्ट के जज धमकियों को लेकर शिकायतें करते हैं, जब एजेंसियां उस पर “सुनवाई नहीं करतीं।”
चीफ जस्टिस एनवी रमना की ओर से यह टिप्पणी तब की गई थी, जब सुप्रीम कोर्ट में झारखंड के जिला जज की हत्या का मसला उठा था।