आपराधिक मानहानि मामले में Congress के सीनियर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश को राहत मिली है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल के बेटे विवेक डोभाल से उन्होंने इस केस में माफी मांगी, जिसे विवेक ने स्वीकार लिया। माफी के बाद दिल्ली की एक अदालत ने इस मामले में कांग्रेसी नेता के खिलाफ मानहानि मामले से जुड़ी कार्रवाई बंद कर दी। हालांकि, यह केस Caravan Magazine के खिलाफ चलता रहेगा।

राउज एवेन्यू के एडिश्नल मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट जज सचिन गुप्ता के समक्ष पेशी के दौरान रमेश ने कहा, “मैंने विवेक के खिलाफ बयानबाजी की थी और चुनाव के गरमाए माहौल के दौरान कई बयान दिए थे। मुझे उन्हें पहले वेरिफाई करना चाहिए था।”

रमेश ने यह भी कहा, “मैं इसीलिए अपने बयानों के लिए विवेक और उनके परिवार से माफी मांगता हूं। मेरी इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी से भी गुजारिश है कि वह अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी हटा दे, जिसमें मेरे उस बयान का जिक्र था।”

शनिवार को दिल्ली में इस बाबत विवेक ने समाचार एजेंसी ANI को बताया- रमेश साहब ने माफी मांगी थी और हमने उसे स्वीकार कर लिया है। पर आपराधिक मानहानि का मामला कारवां मैग्जीन के खिलाफ चलता रहेगा।

दरअसल, कारवां मैग्जीन ने ‘द डी कंपनीज़’ नाम का एक आर्टिकल छापा था, जिसके आधार पर रमेश ने पीसी में डोभाल पर आरोप मढ़े थे। लेख में आरोप था कि एनएसए के पुत्र कथित तौर पर ऐसी कंपनियों के नेटवर्क को संचालित करते थे, जिसके प्रमोटर्स की पृष्ठभूमि संदिग्ध रही है।

यही नहीं, दावा किया गया था कि विवेक डोभाल केमैन द्वीप में हेज फंड चलाते हैं। यह फंड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए नोटबंदी के ऐलान के कुछ रोज बाद रजिस्ट किया गया था।

विवेक ने उसके बाद रमेश के अलावा कारवां और उसके पत्रकार कौशल श्रॉफ के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज किया था। कोर्ट ने डोभाल की शिकायत का जनवरी, 2019 में संज्ञान लिया था, जबकि रमेश को मामले में मई 2019 में बेल मिल गई थी।