मुंबई की विशेष अदालत ने छब्बीस नवंबर 2008 को मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले में डेविड हेडली को सह आरोपी बनाने का रास्ता साफ कर दिया है। मुंबई पुलिस ने विशेष अदालत में याचिका दायर करते हुए डेविड हेडली को अबु जुंदाल के साथ सह आरोपी बनाने की मांग की थी। पुलिस ने यह मांग भी की थी कि हेडली को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उपस्थित करने के लिए अमेरिकी सरकार से अनुमति प्राप्त करने का पत्र उसे दिया जाए। बुधवार को विशेष अदालत ने मुंबई पुलिस की मांगों को स्वीकार करते हुए हेडली को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दस दिसंबर को उपस्थित करने के निर्देश जारी किए। हेडली इन दिनों अमेरिकी जेल में है।
मुंबई पुलिस ने आठ अक्तूबर को विशेष टाडा (टेरेरिस्ट एंड डिस्रप्टिव एक्ट)अदालत में याचिका दायर करते हुए मांग की थी कि मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले में मुख्य षडयंत्रकारी जैबुद्दीन अंसारी उर्फ अबू हम्जा उर्फ अबु जुंदाल के साथ ही डेविड हेडली को भी सह आरोपी बनाया जाए क्योंकि हेडली भी मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले की योजना में शामिल था। पुलिस ने अदालत से मांग की थी कि हेडली को विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये विशेष अदालत में हाजिर करवाने के लिए अमेरिका स्थित इलिनोइस की जिला अदालत से निवेदन का पत्र उसे दिया जाए।
पुलिस का कहना था कि हेडली अमेरिका में मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले के जिन आरोपों के तहत सजा भोग रहा है वे आरोप भारत में उस पर लगे आरोपों से अलग हैं। साथ ही यह मांग भी की थी कि अपने अपराध की स्वीकारोक्ति के बाद हेडली पर यहां भी मुकदमा चलाया जाना चाहिए। पुलिस का कहना था कि अमेरिकी अदालत के फैसले से साफ हो गया है कि हेडली लश्कर ए तैयबा का सदस्य है और मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले की साजिश रचने में उसका हाथ था।
विशेष अदालत के जज जीए सानप ने मुंबई पुलिस की याचिका स्वीकार करते हुए हेडली को सह आरोपी बनाने की स्वीकृति दी और कहा कि उस पर भारतीय दंड विधान के तहत मुकदमा चलाया जाए। साथ ही अदालत ने हेडली को दस दिसंबर को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये अदालत में हाजिर करने के निर्देश भी दिए। अदालत ने अभियोजन के विशेष वकील उज्ज्वल निकम को निर्देश दिए कि वह 26/11 मामले की अगली पेशी पर हेडली को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये उपस्थिति सुनिश्चित करे। निकम ने अदालत को आश्वासन दिया कि इस काम के लिए अलग व्यवस्था बनाई जाएगी और महानगर टेलीफोन निगम की मदद भी ली जाएगी।
पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आतंकवादी दाऊद सय्यद गिलानी उर्फ डेविड हेडली (55) ने मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले के लिए मुंबई शहर की रेकी की थी और हमले की योजना का खाका तैयार किया था। उसने शिवसेना प्रमुख दिवंगत बाल ठाकरे के निवास मातोश्री की तस्वीरें तक खींची थीं और वहां की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा भी लिया था। हेडली पर आरोप है कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजंसी आइएसआइ (इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस) और आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा के लिए काम कर रहा था।
हेडली को मुंबई आतंकवादी हमले में संलिप्तता के चलते शिकागो की एक अदालत ने 24 जनवरी 2013 को 35 साल की सजा सुनाई थी। हेडली इस समय जेल में है। हेडली और उसके साथी तहब्बुर राणा पर हजरत मोहम्मद साहब का कार्टून प्रकाशित करने वाले डेनमार्क के एक अखबार पर हमला करने का आरोप भी है। तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने अमेरिका से मांग की थी कि वह हेडली और राणा से पूछताछ करने की अनुमति दे।
2008 में 26 नवंबर को पाकिस्तान के दस आतंकवादी मुंबई में घुस गए थे। उन्होंने लियोपोल्ड कैफे, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, होटल ताज समेत कई स्थानों पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी। आतंकवादियों के इस हमले में 164 लोग मारे गए थे, जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए थे। मुंबई पुलिस ने इनमें से नौ आतंकवादी मार गिराए थे जबकि अजमल कसाब को गिरफ्तार किया था। कसाब पर बाद में मुकदमा चला और उसे फांसी की सजा दी गई। मुंबई हमले केषडयंत्रकारी अबू जुंदाल को 25 जून 2012 को दक्षिण अफ्रीका से गिरफ्तार किया गया था,जो इस समय मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद है।