Cyclone nisarga updates: हाल ही में तूफान अम्फान के बाद अब देश में चक्रवाती तूफान निर्सग की चर्चा जोरों पर है। इस तूफान का गुजरात और महाराष्ट्र के तटीय इलाकों पर सबसे ज्यादा असर होने के आसार हैं।बीते कई सालों में आपने हुदहुद, तितली, उम्पुन, वायु, फनी जैसे कई तूफानों के नामों के बारे में सुना होगा। आप के मन में सवाल आया होगा कि आखिर इन तूफानों का नाम रखता कौन है और इसकी प्रक्रिया क्या होती है।
पहले ज्यादातर मामलों में ऐसा होता था कि तूफानों के नाम नहीं रखे जाते थे। बाद में यह पाया गया कि तूफानों के नामकरण के चलते चेतावनी प्रणालियों को कुशल बनाने में मदद मिलती है क्योंकि इससे तूफानों को आसानी से पहचाना जा सकता था और छोटे नामों को याद रखने में आसानी होती थी। मौजूदा समय में एक उचित प्रक्रिया के बाद तूफानों का नाम तय किया जाता है।
उष्णकटिबंधीय (ट्रॉपिकल) चक्रवातों और तूफानों के नाम ट्रॉपिकल साइक्लोन रीजनल बॉडी ( Tropical Cyclone Regional Body) तय करती है। फिलहाल 5 ट्रॉपिकल साइक्लोन रीजनल बॉडी हैं। इनमें ESCAP/WMO Typhoon Committee, WMO/ESCAP Panel on Tropical Cyclones, RA I Tropical Cyclone Committee, RA IV Hurricane Committee, and RA V Tropical Cyclone Committee शामिल हैं।साल 2000 में म्यामांर, भारत, मालदीव, ओमान, बांग्लादेश, श्रीलंका, पाकिस्तान और थाईलैंड ने तूफानों का नाम खुद रखने का फैसला किया। इन मुल्कों के सुझाव पर विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने तूफान के नामों की लिस्ट तैयार की।
मौजूदा समय में तबाही मचा रहा तूफान निसर्ग का नाम बांग्लादेश ने सुझाया था। निसर्ग का मतलब प्रकृति होता है। 2020 में जारी 169 नामों की लिस्ट में से इसे चुना गया।IMD पर मानक प्रक्रिया का पालन करते हुए भारत में तूफान का नाम रखने की जिम्मेदारी है। तूफान का नाम कभी किसी व्यक्ति विशेष के नाम पर नहीं रखा जाता है। चक्रवाती तूफान के नाम की लिस्ट तैयार करते वक्त सख्त सरकारी मानक प्रक्रिया का पालन किया जाता है।
तूफान अम्फान का नाम पूर्व निर्धारित सूची में से रखा गया था। जबकि विसर्ग का नाम र 169 नामों की एक नई सूची में से पहला नाम है। आने वाले वर्षों में तूफानों के नाम शाहीन, गुलाब, तेज और आग होंगे। निसर्ग के दोबारा आने पर इसका नाम गाति और उसके बाद निवार होगा। चक्रवात के नामों की पूरी सूची WMO वेबसाइट पर दी गई है।