कोरोना की सुनामी के बीच झारखंड के अस्पताल में सिस्टम का दीवाला निकलता दिखा। एक संक्रमित को उसके परिजन स्कूटी पर बिठाकर अस्पताल में ले जाते दिखे। बुजुर्ग मरीज दो लोगों के बीच सैंडविच बना स्कूटी पर बैठा दिखा। वाकई दृश्य झकझोरने वाला है।
समूचे देश में कोरोना हाहाकार मचा रहा है। आलम यह है कि न तो अस्पतालों में बेड हैं और न ही ऑक्सीजन। एंबुलेंस सेवा का भी बुरा हाल है। यही वजह है कि लोग अपने साधनों से मरीजों को अस्पताल ले जा रहे हैं। दोपहिया वाहनों पर भी मरीजों को लोग ला रहे हैं। ऐसा ही कुछ नजारा पलामू के मेदिनिराय मेडिकल कॉलेज में दिखा।
सोशल मीडिया पर वाय़रल वीडियो में दिख रहा है कि अस्पताल में स्ट्रेचर तक उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। जिसके चलते परिजन संक्रमित व्यक्ति को स्कूटी पर ही लाने पर विवश हुए। अस्पताल के वार्ड के भीतर स्कूटी पर तीन लोग बैठे दिखे। हालांकि, बाद में स्कूटी पर ही मरीज को कहीं और ले जाया गया। यह बात स्पष्ट नहीं हो सकी है कि मरीज को डिस्चार्ज किया गया था, या फिर उसे किसी दूसरे अस्पताल में लेकर जाया गया।
झारखंड में कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है। सोमवार को 5,541 नए मरीज मिले। सबसे अधिक 1686 कोरोना पॉजिटिव रांची से मिले। सूबे में 124 लोगों की मौत हो गई। सबसे अधिक 52 नई मौतें रांची में हुईं। सूबे में 4018 संक्रमित ठीक होकर घर भी लौट गए। कोरोना संक्रमण की तेज रफ्तार में कोई कमी न होती देख झारखंड में लॉकडाउन की अवधि बढ़ाई जा सकती है।
सूत्रों ने बताया कि सूबे में लॉकडाउन की अवधि एक सप्ताह तक बढ़ाई जा सकती है। इसकी घोषणा 28 अप्रैल को होने के आसार हैं। ध्यान रहे कि 20 अप्रैल को आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से 22 अप्रैल की सुबह छह बजे से 29 अप्रैल की सुबह छह बजे तक पूरे राज्य में लॉकडाउन की घोषणा की गई है। इसे स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह का नाम दिया गया था। इसके तहत आवश्यक सेवाओं को छोड़ बाकी सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया गया है।