भारत में 24 घंटे में COVID-19 के 73,272 ताजा केस आए, जबकि 926 लोगों की संक्रमण से मौत हो गई। Union Health Ministry के शनिवार सुबह नौ बजे तक के आंकड़ों के अनुसार, देश में कोरोना वायरस के कुल केस बढ़कर 69,79,424 हो चुके हैं। इनमें 8,83,185 एक्टिव केस हैं, जबकि 59,88,823 सही/डिस्चार्ज/माइग्रेट किए जा चुके हैं। वहीं, अब तक 1,07,416 मौतें हो चुकी हैं। अब तक 59,88,822 लोग संक्रमणमुक्त हो चुके हैं और संक्रमण के बाद स्वस्थ हुए लोगों की दर बढ़कर 85.81 प्रतिशत हो गई है।
देश में लगातार दूसरे दिन कोरोना वायरस से संक्रमित उपचाराधीन मरीजों की संख्या नौ लाख से कम रही। आंकड़ों के अनुसार, देश में 8,83,185 लोग उपचाराधीन हैं, जो कुल मामलों का 12.65 प्रतिशत है। देश में कोविड-19 से मृत्यु दर 1.54 प्रतिशत है। देश में कोविड-19 के मामले सात अगस्त को 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख, पांच सितम्बर को 40 लाख, 16 सितम्बर को 50 लाख और 28 सितम्बर को 60 लाख के पार चले गए थे।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार, देश में नौ अक्टूबर तक कोविड-19 के 8,57,98,698 नमूनों की जांच की गई है, जिनमें से 11,64,018 नमूनों की जांच शुक्रवार को की गई। बीते 24 घंटे में जिन 926 लोगों की मौत हुई है, उनमें से महाराष्ट्र में 302, कर्नाटक में 114, तमिलनाडु में 68, पश्चिम बंगाल में 62, उत्तर प्रदेश में 48, दिल्ली में 39, छत्तीसगढ़ में 38, पंजाब में 32 और आंध्र प्रदेश में 31 लोगों की मौत हुई।
अब तक, कुल 1,07,416 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से महाराष्ट्र में 39,732, तमिलनाडु में 10,120, कर्नाटक में 9,789, उत्तर प्रदेश में 6,293, आंध्र प्रदेश में 6,159, दिल्ली में 5,692, पश्चिम बंगाल में 5,501, पंजाब में 3,773 और गुजरात में 3,547 लोगों की मौत हुई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि संक्रमण से मरने वालों में से 70 प्रतिशत से अधिक मरीज दूसरी बीमारियों से भी पीड़ित थे। मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर कहा, ”हमारे आंकड़ों का मिलान आईसीएमआर से किया जा रहा है।’’
‘केरल में बढ़े केस, पर मृत्यु दर महज 0.36%’: केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने कहा है कि राज्य में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं लेकिन अच्छी बात यह है कि संक्रमण के कारण मरने वालों की दर महज 0.36 फीसदी है। उन्होंने स्वास्थ्यकर्मियों के अथक प्रयासों की सराहना की और लोगों से अपील की कि अपनी लापरवाही के कारण वह स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली पर दबाव नहीं बढ़ाएं।
शैलजा ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों के प्रयासों के चलते ही राज्य में कोरोना वायरस के कारण मृत्यु दर 0.36 फीसदी बनाकर रखी जा सकी है, वह भी तब जब संक्रमण के मामले यहां बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अंत में मायने यह रखता है कि हम मृत्यु दर कितना कम कर पाते हैं, कितनी जिंदगियां बचा पाते हैं। यही हमारा ध्येय है।’’ देश में कोरोना वायरस का पहला मामला राज्य में 30 जनवरी को आया था। मई में राज्य ने घोषणा की थी कि उसने कोरोना वायरस को लगभग मात दे दी है।