यूनाइटेड स्टेट्स फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने मंगलवार (18 अप्रैल) को कोविड-19 के खिलाफ इस्तेमाल होने वाले ‘मोनोवैलेंट’ मॉडर्ना और फाइजर-बायोएनटेक टीकों को बैन कर दिया। एक बयान में एफ़डीए ने कहा कि मोनोवैलेंट मॉडर्ना और फाइजर-बायोएनटेक COVID-19 वैक्सीन अब संयुक्त राज्य में उपयोग के लिए अधिकृत नहीं हैं।

इस बीच, एफडीए ने 6 महीने और उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों को दी जाने वाली सभी खुराकों के लिए बाइवेलेंट वैक्सीन का इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी है। गौरतलब है कि ‘मोनोवेलेंट’ टीकों में वायरस का केवल एक स्ट्रेन होता है जबकि बाइवेलेंट टीकों में वायरस के दो स्ट्रेन होते हैं।

कम हुई मोनोवेलेंट कोविड वैक्सीन की प्रभाविकता

यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से अप्रूव किए गए मौजूदा बाइवेलेंट कोविड-19 टीकों में ओरिजिनल और ओमिक्रॉन BA.4/BA.5 स्ट्रेन दोनों शामिल हैं। यह देखते हुए कि कोविड-19 का कारण बनने वाला वायरस पिछले कुछ सालों में म्यूटेट हुआ है, ऐसे में मोनोवेलेंट वैक्सीन की प्रभाविकता कम हो गई थी।

वाशिंगटन के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, प्रारंभिक डेटा के मुताबिक बाइवेलेंट कोविद -19 बूस्टर ने मोनोवेलेंट बूस्टर डोज की तुलना में ज्यादा सुरक्षा प्रदान की है। FDA के सेंटर फॉर बायोलॉजिक्स इवैल्यूएशन एंड रिसर्च के निदेशक ने कहा, “अब देखा जा रहा है कि 5 साल और उससे ज्यादा उम्र की अधिकांश अमेरिकी आबादी में SARS-CoV-2 के खिलाफ एंटीबॉडी हैं, जो बाइवेलेंट टीकों से मिलने वाली सुरक्षा के लिए एक बेस के रूप में काम कर सकता है।

भारत में बढ़े कोरोना संक्रमण के मामले

वहीं, भारत में बुधवार को कोरोना संक्रमण के 10,542 नए मामले सामने आए। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक, कोविड मामलों में गिरावट के बाद एक बार फिर मामलों में बढ़ोत्तरी देखी गयी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 17 अप्रैल को भारत में 9,111, 16 अप्रैल को 10,093 और 15 अप्रैल को 10,753 मामले दर्ज किए गए थे।

चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट XBB.1.16 मामलों में उछाल ला सकता है। हालांकि, उन्होंने कहा है कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है और लोगों को कोविड संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए और अपने बूस्टर शॉट्स लेने चाहिए।

अप्रैल से केंद्र सरकार नहीं दे रही राज्यों को कोविड वैक्सीन

जनवरी 2021 में कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू होने के लगभग 27 महीने बाद, केंद्र ने अप्रैल से राज्यों को खुराक देना बंद कर दिया था और राज्यों को वैक्सीन की खुराक सीधे निर्माताओं से खरीदने के लिए कहा गया था। अधिकारियों के अनुसार, थोक खरीद के साथ बर्बादी को रोकने के लिए यह निर्णय लिया गया क्योंकि अब वैक्सीन के बहुत कम खरीदार हैं।

प्रधानमंत्री द्वारा कोविड-19 स्थिति की समीक्षा करने के लिए बुलाई गई एक उच्च-स्तरीय बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, “राज्यों को सलाह दी गयी है कि वे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से अप्रूवल के बिना सीधे निर्माताओं से कोविड वैक्सीन डोज खरीद सकते हैं।” हालांकि बयान से यह स्पष्ट नहीं था कि इन खुराकों का भुगतान केंद्र द्वारा किया जाएगा या नहीं, ऐसे में राज्यों के अधिकारियों ने कहा कि वे अपने बजट तैयार कर रहे हैं।

कई राज्यों में वैक्सीन का स्टॉक-आउट

गौरतलब है कि केंद्र ने 12 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को दो प्राथमिक वैक्सीन शॉट्स और तीसरी एहतियाती खुराक 60 वर्ष से अधिक आयु के स्वास्थ्य कर्मियों या फ्रंटलाइन श्रमिकों को देने के लिए राज्यों को मुफ्त में खुराक प्रदान की। केंद्र द्वारा 15 जुलाई से 75 दिनों के लिए 18 से 59 वर्ष के बीच के लोगों के लिए मुफ्त एहतियात खुराक प्रदान की गई थी। अधिकांश खुराक मार्च के अंत में समाप्त होने के साथ कई राज्य स्टॉक-आउट का सामना कर रहे हैं।