कोविड को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट से रथ यात्रा पर रोक लगाए जाने के बावजूद यूपी सरकार ने अपने प्रदेश में कांवड़ यात्रा को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में 25 जुलाई से कांवड़ यात्रा निकालने का ऐलान किया है। इसको लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह के कमेंट आ रहे हैं। यूपी12 वाले त्यागी जी @ManvvartyagiTy1 नाम के एक यूजर ने लिखा, “लोग अंतिम यात्रा से निपट न पाए, आपने फिर नई यात्रा शुरू कर दी। बहुत-बहुत धन्यवाद महाराज जी।”
अनुज कुमार @BHARAT_JEEVI नाम के एक यूजर ने लिखा, “सही बात है बेरोज़गारों को कहीं ना कहीं तो व्यस्त रखना ही है।” पटेल भावेश @PatelBh38038784 ने लिखा, “ऐसे ही लोगो को धर्म के नाम पर लगे रहेंगे तो बेरोजगारी, शिक्षा,आरोग्य,मंहगाई पर सवाल नही उठाएंगे ….।” आरुषा राठौर @arusha_rathore ने लिखा, “लो फिर तो गांजे के भाव भी बढ़ा दिए जाएंगे,क्योंकि #कांवड़_यात्रा में कांवड़ यात्री कमस ज्यादातर गंजेड़ी शामिल होते है।” रोहित भूपेंद्र श्रीवास्तव @rsrohitgcf ने पूछा, “जब कांवड़ यात्रा हो सकती है तो अमरनाथ यात्रा क्यों नहीं?”
समा@Sama_Khan_7 ने कहा,”देखते हैं ईद की नमाज की परमिशन देंगे या नहीं।” पण्डित – सुशील पाण्डेय @ASTROSUSHILPAN ने तंज कसते हुए कमेंट किया, “आखिर तीसरी लहर को आने के लिए कुछ तो कारण होना ही चाहिए न। नहीं तो वो कैसे आयेगी? वह नहीं आई तो सारी तैयारी धरी की धरी रह जायेगी, जो उससे निपटने के लिये हमारी सरकारों ने की है।”
चारधाम यात्रा को HC ने रोका तो SC पहुंची उत्तराखंड सरकार, बोली- लोग
भूखे मर जाएंगे
इस बीच उत्तराखंड सरकार हाईकोर्ट के 28 जून के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। मंगलवार 6 जुलाई को दायर अपील में राज्य सरकार ने तर्क दिया कि चार धाम स्थलों के आसपास रहने वाली आबादी के महत्वपूर्ण हिस्से की आजीविका इसी कांवड़ यात्रा पर निर्भर करती है। याचिका में कहा गया है कि चार धाम स्थलों के आसपास साल के छह महीने बेहद ठंड रहती है। कठोर जलवायु और खराब मौसम की वजह से लोगों की जीविका ठप रहती है। चार धाम की कांवड़ यात्रा पर निकलने वाले लोगों से उनका साल भर का जीविकाेपार्जन होता है। यह रुक जाएगी तो उनके सामने बड़ी समस्या आ जाएगी।
उत्तराखंड सरकार ने यह भी तर्क दिया कि चार धाम स्थलों के जिलों में कोविड-19 पॉजिटिविटी रेट अपेक्षाकृत कम है। बताया कि 15 जून 2021 से 2 जुलाई, 2021 तक, जिला चमोली में सकारात्मकता दर 0.64% और रुद्रप्रयाग जिले में 1.16% थी। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में इस बात पर जोर दिया था कि अगर तीसरी लहर के बारे में भविष्यवाणियां सच होती हैं, तो देश के बच्चे प्रभावित हो सकते हैं और नुकसान विनाशकारी होगा।