मध्यप्रदेश विधानसभा भर्ती घोटाले में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ शुक्रवार (26 फरवरी) को स्थानीय अदालत में पेश हुए। दिग्विजय सिंह कोर्ट की ओर से गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद पेश हुए। मामले में अगली सुनवार्इ 14 मार्च को होगी।  विशेष सत्र न्यायाधीश काशीनाथ सिंह ने इस मामले में सिंह के अदालत में उपस्थित नहीं होने पर उनके खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इससे पहले पुलिस ने शुक्रवार को इस मामले में अदालत में 169 पृष्ठों का आरोपपत्र पेश किया। राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह को शुक्रवार (26 फरवरी) अदालत में पेश होने के समन जारी किया गया था।

इस मामले में के. के. कौशल और ए. के. प्यासी सहित सात अन्य आरोपियों को अदालत द्वारा 30,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी गई। अदालत ने मामले में अगली सुनवाई की तिथि 14 मार्च तय की है। मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा इस मामले में आरोपपत्र प्रस्तुत करने से पहले गत वर्ष 15 अक्तूबर को सिंह से करीब पांच घंटे तक पूछताछ की जा चुकी है। सिंह पर वर्ष 1993 से वर्ष 2003 के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री रहने के दौरान मप्र विधानसभा भर्ती घोटाले में शामिल होने का आरोप है। दिग्विजय पर आरोप है कि भर्ती के दौरान अनियमि‍तता बरती गई।

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