कोरोना वायरस संकट के कारण छह करोड़ EPFO सब्सक्राइबर्स को झटका लग सकता है। PF पर मिलने वाले लाभ में और अधिक कमी की आशंका है। दरअसल, वैश्विक महामारी के कारण लोगों की तरफ से अपने खातों से गयी अधिक निकासी और जमा कम करने के कारण लोगों को उम्मीद से कम रिटर्न मिलने की उम्मीद है।
यही नहीं, हाल के वर्षों में पीएफ पर मिलने वाले ब्याज दरों में कटौती के कारण भी रिटर्न गिर सकता है। अधिकारियों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में 8.5 प्रतिशत ब्याज सब्सक्राइबर्स को मिले थे, जो पिछले सात सालों में सबसे कम था। इससे पहले, साल 2019 में 8.65 प्रतिशत ब्याज सब्सक्राइबर्स को मिले थे।
अग्रेजी बिजनेस अखबार ‘ईटी’ की खबर के मुताबिक, चार मार्च को EPFO के सेट्रल बॉर्ड की बैठक में ब्याज दरों की कटौती पर कोई फैसला लिया जा सकता है। फाइनेंस इन्वेस्टमनेंट एंड ऑडिट कमेटी (FIAC) की तरफ से वित्त वर्ष 2020-2021 में EPFO जमा में आए कमी को देख रही है।
ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि FIAC की एक बैठक हो सकती है जो सीबीटी की मीटिंग से पहले होगी और इसी बैठक के आधार पर पीएफ पर ब्याज दर तय किया जाएगा।
बता दें कि सरकार ने पहली बार कर्मचारियों के पीएफ पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव दिया है। जिसमें एक वर्ष में 2.5 लाख रुपये से अधिक के योगदान पर ब्याज पर टैक्स लगाया जाएगा।
हाल के बजट प्रस्तावों में सरकार ने प्रस्ताव दिया था कि 2.5 लाख रुपये से अधिक के पीएफ में योगदान पर ब्याज पर टैक्स छूट नहीं मिलेगी। यह पीएफधारकों के लिए चिंता की वजह हो सकती है।