सुशील राघव
कोरोना विषाणु संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए देश में लागू 40 दिन की पूर्णबंदी का देश और राज्यों की अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ने जा रहा है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) बॉम्बे के एक अध्ययन के मुताबिक देश को बंदी के दौरान 11,87,156 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है। यह हानि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 8.43 फीसद के बराबर है।
आइआइटी बॉम्बे के मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विभाग की प्रोफेसर जी हरिप्रिया और एसजेएम स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के प्रो. विनिश कथूरिया ने इस अध्ययन को किया है। प्रोफेसर हरिप्रिया ने बताया कि हमने पहले जिलेवार और उसके बाद राज्यवार अध्ययन किया है। यह अध्ययन सरकारों की ओर से जारी रोजगार की विभिन्न रिपोर्ट, जनसंख्या, राष्ट्रीय सांख्यिकी खाता और राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के आंकड़ों के आधार पर किया गया है।
प्रोफेसर हरिप्रिया ने बताया कि इस दौरान महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) और गैरसंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों को 1.16 लाख करोड़ रुपए से अधिक आय की हानि होगी। इसी अनुपात में उपयोग व्यय भी कम होगा। उन्होंने बताया कि उपभोग व्यय में 2.22 लाख करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान होगा जो देश की जीडीपी का 1.57 फीसद होता है। उन्होंने बताया कि अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि बंदी के दौरान देश को 11,87,156 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होगा।
प्रोफेसर हरिप्रिया ने बताया कि उपभोग व्यय के नुकसान का अनुमान लगाते समय इस बात का ध्यान रखा गया है कि मनोरंजन, पर्यटन,होटल, रेस्तरां, ब्यूटी पार्लर आदि जैसे क्षेत्रों पर तो बंदी को तत्काल असर देखा जा सकता है। विनिर्माण क्षेत्र पर बंदी का तत्काल बड़ा असर देखने को नहीं मिल रहा है। वहीं, सार्वजनिक प्राधिकरणों और सेवाओं जैसे बिजली, पानी आदि पर कोई असर नहीं हुआ है। प्रोफेसर हरिप्रिया ने बताया कि इस अध्ययन में हमने विभिन्न क्षेत्रों पर पड़ने वाले तत्काल प्रभाव को ही देखा है। इस अध्ययन में पूर्णबंदी के बाद के प्रभाव जैसे कंपनियों का दिवालिया होना और बेरोजगारी में वृद्धि का अभी कोई अनुमान नहीं लगाया गया है।
इन राज्यों में होगा अधिक नुकसान
महाराष्ट्र : 1,72,595
गुजरात : 97,598
उत्तर प्रदेश : 95,380
तमिलनाडु : 94,446
कर्नाटक : 92,402
(नोट : आंकड़े करोड़ रुपए में)
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, महाराष्ट्र में बढ़ेगा असंगठित क्षेत्र में बेरोजगारी
‘इस दौरान मनरेगा और असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों को 1.16 लाख करोड़ रुपए से अधिक आय की हानि होगी। इसी अनुपात में उपयोग व्यय भी कम होगा।’ – प्रोफेसर हरिप्रिया
