भारत में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पिछले 24 घंटों में भी कोरोना के 75 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। इसके बावजूद अब लोगों में इसका डर कुछ कम होता दिखाई दे रहा है। सरकार की तरफ से भी अनलॉक की प्रक्रिया चल रही है लेकिन एम्स निदेशक रणदीप गुलेरिया का कहना है कि अभी भी देश में कम्यूनिटी संक्रमण का खतरा मौजूद है और हमें अभी भी सावधानी बरतने की जरूरत है।
दरअसल हाल ही में आईसीएमआर ने कोरोना संक्रमण को लेकर सीरो सर्वे किया था। जिसके नतीजों में आईसीएमआर ने कहा था कि अभी भी हमारे देश की बड़ी जनसंख्या में कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है। आईसीएमआर ने ये भी कहा था कि संक्रमण का खतरा इस बात पर निर्भर है कि आप किस जगह रहते हैं। एनडीटीवी के साथ बातचीत में डॉ. रणदीप गुलेरिया ने भी समुदायिक संक्रमण के खतरे की बात को स्वीकार किया।
उन्होंने कहा कि सीरो सर्वे में पता चला है कि अभी भी बड़ी आबादी में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी नहीं बनी हैं। जिसके कारण कम्यूनिटी संक्रमण का खतरा बना हुआ है। इसलिए हमें अभी भी मास्क, हैंड सैनेटाइजर आदि का इस्तेमाल पूरी गंभीरता से जारी रखना चाहिए।
डॉ गुलेरिया ने ये भी कहा कि हर्ड इम्यूनिटी को लेकर अभी कुछ भी साफ-साफ नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस जगह रहते हैं। डॉ गुलेरिया ने बताया कि कुछ जगह पर जनसंख्या घनत्व के ज्यादा होने, कोरोना के मामले ज्यादा होने या कुछ और कारणों से लोगों में हर्ड इम्यूनिटी डेवलेप हो सकती है लेकिन कुछ जगहों पर जहां कोरोना का संक्रमण अभी नहीं ज्यादा फैला है और वहां जनसंख्या घनत्व ज्यादा है या फिर बुजुर्ग लोगों की जनसंख्या भी ज्यादा तादाद में है तो वहां कोरोना का संक्रमण फैलने का खतरा अभी भी बहुत ज्यादा है।
गौरतलब है कि अमेरिका के बाद भारत दुनिया में दूसरा सबसे ज्यादा कोरोना टेस्ट करने वाला देश बन गया है। पूरी दुनिया में कोरोना से अब तक 3.48 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। भारत में यह आंकड़ा 65 लाख के पार पहुंच गया है। कोरोना से अब तक वैश्विक तौर पर 10 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।