कोविड टीकाकरण के बाद करीब 60 लोगों ने “गंभीर प्रतिकूल प्रभाव” या ऐसी ही ”जटिलताएं” अनुभव कीं। ऐसे मामलों का अध्ययन करने वाले एक केंद्रीय पैनल ने यह जानकारी दी। समिति ने 27 मई को अपना मूल्यांकन पूरा किया था। इसने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को रिपोर्ट जमा की है। इस बार रिपोर्ट किए गए 60 मामलों में से 55 मामलों में प्रतिकूल प्रभाव या जटिलताओं का टीकाकरण से सीधा संबंध पाया गया।
वहीं, आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में कोविड-19 निरोधक टीके की 41 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं। मंत्रालय ने बताया कि शाम सात बजे तक की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को देश में टीकों की 47,77,697 खुराक दी गयी। इसमें कहा गया है कि आज 18 से 44 साल आयु वर्ग के 22,38,900 लोगों को टीके की पहली खुराक लगायी गयी जबकि 1,48,075 लोगों को दूसरी खुराक दी गयी। टीकाकरण के तीसरे चरण की शुरुआत के बाद से देश भर में 18 से 44 साल आयु वर्ग में कुल 12,73,70,809 लोगों को पहली खुराक और 50,58,284 लोगों को दूसरी खुराक दी जा चुकी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने सोमवार को कहा कि 10 करोड़ लोगों को कोविड-19 के टीके की खुराक देने में 85 दिन का समय लगा, जबकि ‘‘सबको टीका, मुफ्त टीका’’ अभियान के कारण 30 करोड़ से 40 करोड़ का आंकड़ा छूने में भारत को केवल 24 दिन लगे।
सार्वभौमिक टीकाकरण का नया चरण 21 जून से शुरू हो गया था। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि टीकों की उपलब्धता बढ़ाई गई और राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को टीकों की समय से पहले आपूर्ति की गई, ताकि वे बेहतर तरीके से योजना तैयार कर सकें और आपूर्ति श्रृंखला को सरल बना सकें। इसकी मदद से टीकाकरण मुहिम तेज हुई।
नए चरण के तहत केंद्र सरकार देश में बन रहे 75 प्रतिशत टीके खरीदकर उन्हें राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को नि:शुल्क दे रही है।
मंडाविया ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्व का सबसे बड़ा और तेज टीकाकरण अभियान निरंतर नए आयाम गढ़ रहा है। शुरुआती दिनों में 10 करोड़ लोगों को टीका लगाने में 85 दिन लगे थे। वहीं ‘‘सबको टीका, मुफ्त टीका’’ अभियान के कारण, 30 करोड़ से 40 करोड़ का आंकड़ा छूने में भारत को केवल 24 दिन लगे।’’