कोरोना वायरस की दवा बनाने का दावा करने वाले पतंजलि के प्रमुख बाबा रामदेव ने विवाद को लेकर सफाई पेश की है। पतंजलि के कोरोनिल दवा को लेकर उपजे विवाद पर बाबा रामदेव का कहना है कि उन्होंने किसी भी तरह की अप्रोच नहीं की। सरकार संग कोई मैनेजमेंट नहीं किया। कोरोनिल को लेकर तमाम तरह के सवालों पर बाबा रामदेव ने जवाब दिया।

आजतक से बातचीत के दौरान बाबा रामदेव ने कहा कि कोरोनिल को लेकर उनका कोई हिडन एजेंडा नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं ना ही पीएमओ में कोई बात की ना ही गृह मंत्रालय में अमित शाह से कोई बातचीत की  मैंने की बड़े मंत्री से भी इस मसले को लेकर बात नहीं की। रामदेव के कहा कि, हां मैंने आयुष मंत्रालय से बात की इस पर जवाब मिला कि आप क्योर शब्द का इस्तेमाल मत करिए उन्होंने मैनेजमेंट शब्द इस्तेमाल करने के लिए कहा हमने मान ली।

बाबा रामदेव ने कहा कि मैं देश का कानून मानने वालों में से हूं और कोरोनिल के लिए सभी प्रक्रिया का पालन किया गया। क्लीनिकल ट्रायल के नियमों का भी पालन किया गया है, साथ ही रजिस्ट्रेशन की प्रोसेस को भी पूरे तरीके से अपनाया गया है। बाबा रामदेव ने कहा कि क्योर को मैनेजमेंट का नाम दिया गया है। यह सब शब्दों का मायाजाल है।

बता दें कि COVID-19 की दवा के दावे पर योग गुरु स्वामी रामदेव की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। बुधवार को उन्हें उत्तराखंड हाईकोर्ट की ओर से इस मामले में नोटिस थमा दिया गया। रामदेव को जो चिट्ठी भेजी गई है, उसमें Divya Pharmacy, NIMS University, केंद्र और राज्य सरकार के नाम भी शामिल हैं। दरअसल, ये नोटिस इन सभी को उस याचिका के जवाब में जारी किया गया है, जिसमें आयुर्वेदिक दवाई कोरोनिल पर बैन लगाने की मांग की गई थी।