कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण के बीच पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन है। ऐसे में दिहाड़ी मजदूर पैद ही अपने घरों की तरफ निकल पड़े हैं। दिल्ली, छत्तीसगढ़ आदि जैसे राज्यों से बड़ी संख्या में मजदूर पलायन कर रहे हैं। कुछ ऐसा ही मामला चंडीगढ़ में भी सामने आया है जहां दिहाड़ी मजदूर बीवी बच्चों संग पैदल मध्य प्रदेश के लिए निकल पड़े हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में एक परिवार ने अपना दर्द बयां किया।
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परिवार का कहना है कि शहर नहीं छोड़ेंगे तो खाएंगे क्या जेब में सिर्फ कुछ रुपए ही बचे हैं। उनका कहना है कि अगर हम अपने घर नहीं जाएंगे तो हम यहां क्या खाएंगे? हीरा नामक एक दिहाड़ी मजदूर ने कहा कि जेब में दो सौ रुपए ही बचे हैं। पैदल चलते समय रास्ते में अपने बच्चों के लिए कुछ खाने का सामान खरीदूंगा। यह परिवार मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ का रहने वाला है और चंडीगढ़ से पैदल ही अपने घर के लिए निकल पड़ा है।
Chandigarh: Labourers heading towards their native places in Tikamgarh, Madhya Pradesh amid #CoronavirusLockdown. “What will we eat if we will not leave for our homes? I have Rs 200 left in my pocket which I’ll use to buy snacks for my child en route home,” says Heera, a worker. pic.twitter.com/3e9me2KLz2
— ANI (@ANI) March 28, 2020
बता दें कि देशभर में लॉकडाउन के बीच कई राज्यों में मजदूर सड़कों पर उतर आए हैं। उत्तर प्रदेश और दिल्ली में इनके लिए बसों का भी इंतेजाम किया गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय ने ट्वीट किया, “राज्य सरकार ने लॉकडाउन के बीच राज्य छोड़ने की कोशिश करने वालों के लिए 1,000 बसों की व्यवस्था की है ताकि वे बिना किसी परेशानी का सामना किए अपने गंतव्य तक पहुंच सकें।
इसके अलावा, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट करते हुए लोगों से आग्रह किया कि वे बाहर निकलने से बचें। “दिल्ली सरकार की 100 बसों और यूपी सरकार की 200 बसों में प्रवासी श्रमिकों के लिए व्यवस्था की जा रही है। लेकिन, मैं अब भी आप सभी से अपील करता हूं कि लॉकडाउन का पालन करें। यह बीमारी के प्रसार को नियंत्रित करने का एकमात्र तरीका है। यह सुरक्षित नहीं है।