भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के चीफ बलराम भार्गव ने मंगलवार को कहा कि कोरोना की कोई वैक्सीन अगर पचास प्रतिशत भी कारगर होती है तो वैक्सीन निर्माताओं को मंजूरी दे दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि सांस संबंधी वायरस के लिए कोई भी टीका शत प्रतिशत कारगर नहीं है। भार्गव ने आगे कहा कि WHO के मुताबिक एक वैक्सीन के लिए तीन चीजें हैं – पहली सुरक्षा, दूसरी इम्युनोजेनेसिटी और तीसरी प्रभावकारिता। WHO ने कहा है कि 50 प्रतिशत भी कारगर वैक्सीन को मंजूरी दी जा सकती है लेकिन हम फिर भी 100 प्रतिशत कारगर वैक्सीन की उम्मीद कर रहे हैं। कोई भी वैक्सीन 50 से 100 प्रतिशत के बीच कारगर होती है तो उसे मंजूरी दे दी जाएगी।
गौरतलब है कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और भारतीय सीरम संस्थान द्वारा तैयार की जा रही कोरोना वैक्सीन का मानव शरीर पर तीसरे चरण का परीक्षण इस सप्ताह से पुणे के ससून अस्पताल में परीक्षण शुरू हो चुका है। सरकार संचालित ससून अस्पताल के डीन डॉक्टर मुरलीधर तांबे ने बीते हफ्ते कहा था, ‘ससून अस्पताल में अगले सप्ताह कोविशील्ड वैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण शुरू हो जाएगा। इसके सोमवार से शुरू होने की संभावना है।
बता दें कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के एक दिन में 83,347 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 56 लाख से अधिक हो गई है। वहीं, इनमें से 45 लाख से अधिक लोग संक्रमणमुक्त हो चुके हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि देश में मरीजों के ठीक होने की दर 81.25 प्रतिशत हो गई है। मंत्रालय की ओर से मंगलवार सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में 83,347 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 56,46,010 हो गए। वहीं, 1,085 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 90,020 हो गई। देश में अब तक 45,87,613 लोग संक्रमणमुक्त हो चुके हैं।