देश में कोरोना की बढ़ती रफ्तार एक बार फिर चिंता का कारण बनी हुई है। इस बीच पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर, यूपी और गोवा में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। कोरोना के प्रसार को देखते हुए केंद्र द्वारा गठित एक ग्रुप ने रिपोर्ट दी है कि चुनावी राज्यों में कोरोना का खतरा अधिक है। रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तर प्रदेश, पंजाब और मणिपुर के अधिकांश जिलों में ओमिक्रॉन वेरिएंट के चलते कोरोना के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं।

बढ़ा कोरोना का खतरा: रिपोर्ट के मुताबिक इन राज्यों की आबादी में गंभीर बीमारी और प्रतिकूल परिणामों का खतरा बढ़ गया है। चुनाव आयोग द्वारा पांच राज्यों (यूपी, पंजाब, मणिपुर, गोवा और उत्तराखंड) के लिए विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के दो दिन बाद यह रिपोर्ट सोमवार को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ साझा की गई थी।

द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार इस रिपोर्ट में, उत्तर प्रदेश के 75 में से 65 जिले, पंजाब के 22 में से 21 जिले और मणिपुर के 16 में से 9 जिलों को “श्रेणी 1” और “श्रेणी 2” जिलों के रूप में दर्शाया गया है। इन जिलों में ओमिक्रोन वैरिएंट के कारण कोरोना महामारी का खतरा अधिक है। विश्लेषण में कहा गया है इन जिलों की आबादी गंभीर बीमारी और प्रतिकूल परिणामों के खतरे में है।

रिपोर्ट में अधिक खतरे वाले श्रेणी -1 में 99 जिले हैं जोकि 15 राज्यों में फैले हुए हैं। इनमें उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक (39 जिले) हैं, इसके बाद झारखंड (13), बिहार (11) और पंजाब (9) हैं। इस सूची में मणिपुर के दो जिले शामिल हैं।

वहीं कोरोना विस्तार के खतरे की द्वितीय श्रेणी में 212 जिले शामिल हैं। जिसमें 35 मध्य प्रदेश से हैं, इसके बाद यूपी (26), बिहार (22) और गुजरात (21) हैं। इस श्रेणी में पंजाब के बारह और मणिपुर के सात जिले शामिल हैं।

बता दें कि देश में कोरोना की तीसरी लहर जारी है। मंगलवार को पूरे देश में कोरोना के 1,68,063 नए मामले दर्ज किए गए थे। इस दौरान 277 लोगों की मौत हुई थी। वहीं देश की राजधानी दिल्ली में 11 जनवरी को कोरोना के 21,259 नए मरीज मिले और संक्रमण दर 25.65 फीसदी दर्ज की गई।