प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को केंद्रीय मंत्रिपरिषद में फेरबदल व विस्तार कर सकते हैं। खबरों के अनुसार जिन नेताओं को मंत्रिपरिषद में जगह मिल सकती है उन्हें कोरोना टेस्ट करवाने के लिए कहा गया है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने भी कोरोना टेस्ट करवाया है। इधर लोजपा नेता चिराग पासवान ने कहा है कि अगर पशुपति कुमार पारस को लोजपा कोटे से मंत्री बनाया गया तो वो उसका कड़ा विरोध करेंगे।
बिहार से मंत्रिपरिषद में किन नेताओं को जगह मिलेगी इसे लेकर अभी बातें साफ नहीं हुई है। हालांकि यह तय माना जा रहा है कि जदयू भी इस बार मंत्रिपरिषद में शामिल होगी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंत्रिमंडल के होने वाले विस्तार में उनकी पार्टी जदयू के शामिल होने की संभावना से इनकार नहीं किया और कहा कि इस बारे में कोई भी फैसला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष करेंगे।
बताते चलें कि लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) नेता चिराग पासवान ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपने चाचा पशुपति नाथ पारस या उनके गुट के किसी अन्य सांसद को लोजपा कोटे से केंद्रीय मंत्रियों की टीम में शामिल नहीं करने का अनुरोध किया है।
चिराग ने पटना में मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘किसी को भी अपने मंत्रिमंडल में शामिल करना प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है। लेकिन न तो मेरे चाचा पशुपति नाथ पारस और न ही किसी अन्य पार्टी सांसद को लोजपा कोटे से केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना चाहिए जो अब मेरे पिता द्वारा स्थापित पार्टी से जुड़े नहीं हैं। अगर मेरे चाचा को लोजपा कोटे से या लोजपा सदस्य के रूप में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है तो हम अदालत जाएंगे।’’
सूत्रों के मुताबिक, बुधवार शाम छह बजे राष्ट्रपति भवन के अशोक हॉल में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए शपथ ग्रहण समारोह होगा। हालांकि, इस बारे में आधिकारिक तौर पर अभी तक किसी ने पुष्टि नहीं की है। मंत्री बनने वाले प्रमुख नामों की अगर बात की जाए तो मध्य प्रदेश से राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया, महाराष्ट्र से राज्यसभा के सदस्य नारायण राणे और असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ,लोक जनशक्ति पार्टी के पारस गुट के नेता पशुपति पारस का नाम सामने आ रहा है।