भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव का कहना है कि डेल्टा प्लस अब 12 देशों में मौजूद है। उन्होंने कहा कि भारत में डेल्टा प्लस के 10 राज्यों में 48 मामले सामने आए हैं और वे बहुत स्थानीय हैं। मामलों में से सबसे अधिक 22 मामले महाराष्ट्र से आये हैं। वहीं, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक सुजीत सिंह का कहना है कि तमिलनाडु में डेल्टा प्लस के नौ मामले सामने आए हैं जबकि मध्य प्रदेश में सात, केरल में तीन, पंजाब और गुजरात में दो-दो तथा आंध्र प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, हरियाणा और कर्नाटक में एक-एक मामला सामने आया है।
उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, केरल, महाराष्ट्र, पंजाब, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल में अनुक्रमित किए गए नमूनों में 50 प्रतिशत से अधिक में डेल्टा स्वरूप है। सिंह ने कहा कि भारत में कोविड-19 के 90 फीसदी मामले बी.1.617.2 (डेल्टा) स्वरूप के हैं। उन्होंने कहा,‘‘ 35 राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के 174 जिलों में चिंताजनक कोविड स्वरूप के मामले पाये गए हैं। इनमें से सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और गुजरात में मिले हैं।’’ इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) प्रमुख टेद्रोस अदहानम गेब्रेयेसस ने आगाह किया कि कम से कम 85 देशों में पाया गया कोविड-19 का डेल्टा स्वरूप अभी तक सामने आए सभी स्वरूपों में ‘‘सबसे अधिक संक्रामक’’ है और यह उन लोगों में तेजी से फैल रहा है जिन्होंने टीका नहीं लगवाया है।
डब्ल्यूएचओ महानिदेशक ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि अभी विश्वभर में डेल्टा स्वरूप को लेकर काफी चिंता है और डब्ल्यूएचओ भी इसे लेकर चिंतित है।’’ कोरोना वायरस का डेल्टा स्वरूप सबसे पहले भारत में पाया गया।
उन्होंने जिनेवा में कहा, ‘‘अभी तक जितने भी स्वरूप पता चले हैं उनमें डेल्टा सबसे अधिक संक्रामक है और कम से कम 85 देशों में इसकी पहचान की गई है तथा यह उन लोगों में तेजी से फैल रहा है जिन्होंने टीके नहीं लगवाए हैं।’’
उन्होंने कुछ देशों में जन स्वास्थ्य और सामाजिक उपायों में ढील दिए जाने पर चिंता जताते हुए कहा, ‘‘हमें दुनियाभर में संक्रमण बढ़ते हुए दिखना शुरू हो गया है। ज्यादा मामलों का मतलब है अधिक संख्या में मरीजों का अस्पताल में भर्ती होना जिससे स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों और स्वास्थ्य व्यवस्था पर दबाव बढ़ेगा और मौत होने का खतरा बढ़ेगा।’’
गेब्रेयेसस ने कहा कि कोविड-19 के नए स्वरूपों के आने की आशंका है और ये आते रहेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘विषाणु ऐसा ही करते हैं, वे पैदा होते रहते हैं लेकिन हम संक्रमण को फैलने से रोककर स्वरूपों को आने से रोक सकते हैं।’’
डब्ल्यूएचओ में कोविड-19 की टेक्निकल लीड डॉ. मारिया वान कर्खोव ने कहा कि डेल्टा स्वरूप एक ‘‘खतरनाक’’ वायरस है और अल्फा स्वरूप के मुकाबले अधिक संक्रामक है जो यूरोप तथा अन्य देश में खुद बहुत संक्रामक था।