Corona Cases In India: देश में कोरोना के मामले एक बार फिर तेज गति से बढ़ रहे हैं, आलम यह है कि पिछले 15 दिनों में 20 गुना वृद्धि देखी गई है। जनवरी से अब तक इस वायरस ने 55 लोगों की जान भी ली है। पिछले 24 घंटे में भी चार लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना के बढ़ते मामलों ने सभी की चिंता बढ़ा दी है, हर किसी के मन में सवाल है कि क्या फिर कोरोना की लहर आने वाली है, क्या फिर स्थिति आउट ऑफ कंट्रोल जैसी बन सकती है?

कहां कितने कोरोना के मामले?

अब डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना के मामले बढ़े जरूर हैं, लेकिन यह कह देना कि स्थिति गंभीर है, तो ऐसा नहीं है। हल्के लक्षण वाले मामले सामने आ रहे हैं, कई तो घर में ही ठीक भी हो रहे हैं। ऐसे में अभी चिंता की कोई बात नहीं है और सिर्फ कोविड प्रोटोकॉल्स का पालन करना है। आंकड़ों की बात करें तो केरल इस समय कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित चल रहा है, इसके बाद गुजरात, पश्चिम बंगाल और दिल्ली का नंबर आता है।

राज्य / केंद्रशासित प्रदेश का नामकुलकल से स्थिति में परिवर्तन1 जनवरी 2025 से संचयीकल से स्थिति में परिवर्तनकुल मौतें
1आंध्र प्रदेश62122320
2अरुणाचल प्रदेश030
3असम10220
4बिहार37640
5चंडीगढ़210
6छत्तीसगढ़245940
7दिल्ली592308051247
8गोवा8910
9गुजरात615107331602
10हरियाणा78154220
11हिमाचल प्रदेश100
12जम्मू और कश्मीर72710
13झारखंड840
14कर्नाटक45115338457
15केरल***1679192168427111
16मध्य प्रदेश3661331
17महाराष्ट्र548225977617
18मिज़ोरम01210
19ओडीशा235720
20पुदुच्चेरी1258460
21पंजाब21552
22राजस्थान10746091
23सिक्किम1232130
24तमिलनाडु2218330394
25तेलंगाना5240
26त्रिपुरा1100
27उत्तराखंड332040
28उत्तर प्रदेश2057101202
29पश्चिम बंगाल59658218911

NB.1.8.1 और LF.7 क्या हैं?

सरकार के ही आंकड़े बता रहे हैं कि 22 मई के बाद से देश में कोरोना के मामले ज्यादा तेज गति से बढ़े हैं। अगर 22 मई को कोविड मरीजों का आंकड़ा 275 था तो वहीं 15 दिन बाद ये 5364 पहुंच चुका है। 2 और 3 जून को स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (DGHS) डॉ. सुनीता शर्मा की अध्यक्षता में अहम बैठक भी हुई है, कई राज्यों को जरूरी निर्देश भी दिए गए हैं।

एनबी.1.8.1 और एलएफ.7 सब वेरिएंट क्या है?

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एनबी.1.8.1 और एलएफ.7 दोनों को ‘मॉनीटरिंग के तहत वेरिएंट’ के तौर पर रखा है। इसका आसान शब्दों में मतलब है कि इस वक्त इन दोनों पर बारीकी से नजर रखी जा रही है और वे अभी तक ज्यादा परेशानी के कारण नहीं बने हैं। द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार , माना जाता है कि चीन और एशिया के अन्य हिस्सों में कोविड-19 मामलों में हालिया बढ़ोतरी के पीछे ये सब वेरिएंट ही हैं।

ये दोनों वेरिएंट कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन में कई बदलाव करते हैं, जो इसे आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ट्रांसफर करते हैं। इससे लोगों में यह वेरिएंट फैलने का ज्यादा जोखिम होता है। 

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