नई दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स)के मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) को गैर कानूनी ढंग से हटाए जाने के चलते विवादों में घिरे भाजपा नेता जेपी नड्डा को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बना कर नरेंद्र मोदी सरकार खुद विवादों में घिर गई है। इस मसले पर आम आदमी पार्टी (आप) ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है, जबकि कांग्रेस ने नड्डा सहित कई अन्य ‘दागी नेताओं’ को मंत्रिमंडल में जगह दिए जाने के लिए सरकार को आड़े हाथों लिया है।
पिछले दिनों एम्स में भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोले सीवीओ संजीव चतुर्वेदी को हटाए जाने के पीछे भाजपा नेता जेपी नड्डा की सक्रियता चर्चा में रही। कायदे-कानून ताक पर रखकर एम्स के मुख्य सतर्कता अधिकारी को हटाने के मामले ने तूल पकड़ा। इसमें खुलासा हुआ कि एम्स के पूर्व उप निदेशक (प्रशासनिक) विनीत चौधरी के खिलाफ मामले को उठाने के कारण नड्डा संजीव चतुर्वेदी से नाराज थे। चौधरी पर एम्स में कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे थे। वे हिमाचल काडर में भारतीय प्रशासनिक सेवा से आए थे। वे नड्डा के सचिव व करीबी रहे।
इस मुद्दे पर आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मोदी पर तंज किया है। केजरीवाल ने एक ट्वीट में कहा है कि एम्स से संजीव चतुर्वेदी को सीवीओ पद से हटवाने वाले जेपी नड्डा स्वास्थ्य मंत्री बन गए। अब मोदीजी नड्डा के माध्यम से एम्स में भ्रष्टाचार हटाएंगे? अगस्त में एम्स के मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) के पद से चतुर्वेदी को हटाए जाने के बाद से आम आदमी पार्टी नड्डा पर निशाना साधती आ रही है।
पार्टी का आरोप है कि नड्डा ने तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन पर दबाव बनाया था जिसके बाद चतुर्वेदी को हटाया गया। दोनों के बीच हुए पत्राचार के हवाले से पार्टी ने कहा है कि जिस तरह से ईमानदार अफसर को हटवाने में नड्डा ने भूमिका निभाई थी वह न केवल हैरान करने वाला है, बल्कि यह भ्रष्टाचार को लेकर पार्टी के दावों की भी कलई खोलता है। इस कदम को समूचे स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए घातक करार देते हुए आप नेता मनीष सिसोदिया ने भी भाजपा सरकार की नीयत पर सवाल खड़े किए हैं।
गौरतलब है कि भाजपा महासचिव नड्डा को केद्रीय मंत्रिमंडल में विस्तार के तहत केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वरिष्ठ आप नेता मनीष सिसोदिया ने आशंका जताई है कि नड्डा की नियुक्ति से भ्रष्टाचार में इजाफा होगा और अंतत: एम्स में स्वास्थ्य सेवाओें का खर्च बढ़ जाएगा।
सिसोदिया के मुताबिक, नड्डा ने स्वास्थ्य मंत्रालय से ईमानदार अधिकारियों को हटवाने में बड़ी भूमिका निभाई। अगर नड्डा जैसे लोग स्वास्थ्य मंत्रालय में बैठेंगे, तो जाहिर है कि दवाएं और स्वास्थ्य सुविधाएं महंगी होंगी और भ्रष्टाचार बढ़ेगा।
भाजपा नेता नड्डा को मंत्री बनाए जाने पर हैरानी जताते हुए एम्स के कुछ संकाय सदस्यों ने भी इसे ईमानदार लोगों का मनोबल तोड़ने वाला कदम बताया है। एम्स के एक संकाय सदस्य ने कहा है कि चतुर्वेदी ने आते ही एम्स में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए उन मामलों को भी खोला जिन पर लोग चुप्पी साधे हुए थे। अपने दस साल वरिष्ठ रहे अफसर के प्रभाव में आने की बजाय उनके खिलाफ लंबित फाइल को आगे बढ़ाया था। इसके अलवा एम्स के सुरक्षा अधिकारी, मुख्य अभियंता , कई वरिष्ठ डॉक्टरों पर लगे भ्रष्टाचार के मामलों को भी उठाया था। लेकिन चतुर्वेदी को एम्स के सीवीओ पद से हटा दिया गया। इसके बाद विवाद शुरू हो गया था और तब के स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा था कि चतुर्वेदी को नियुक्ति के मानदंड पूरे नहीं करने के चलते हटाया गया था। इसकारण हर्षवर्धन की भी जमकर किरकिरी हुई थी। बाद में प्रधानमंत्री ने भी डॉ हर्षवर्धन से जवाब तलब किया था।