कांग्रेस ने फेसबुक से जुड़े विवाद की पृष्ठभूमि में मंगलवार को इस सोशल नेटवर्किंग कंपनी के प्रमुख मार्क जुकरबर्ग को ईमेल के माध्यम से पत्र भेजकर आग्रह किया कि इस पूरे मामले की फेसबुक मुख्यालय की तरफ से उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और जांच पूरी होने तक उसके भारतीय शाखा के संचालन की जिम्मेदारी नयी टीम को सौपीं जाए ताकि तफ्तीश की प्रक्रिया प्रभावित नहीं हो।
वहीं ,राहुल गांधी ने इस पत्र को साझा करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा है, उन्होंने ट्वीट कर लिखा है। मेहनत से मिले लोकतंत्र को फेक न्यूज , हेट स्पीच और पक्षपात से नुकसान नहीं पहुंचने देंगे। वॉल स्ट्रीट जर्नल के खुलासे पर हर भारतीय को सवाल पूछना चाहिए, जिसमें फेक न्यूज और हेट न्यूज फैलाने में फेसबुक के भी शामिल होने की बात कही गई है।
कांग्रेस द्वारा फेसबुक को लिखे गए पत्र पर मोदी सरकार में मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जवाब देते हुए कहा कि, इससे पहले सोनिया गांधी आर-पार की लड़ाई वाला बयान दिया था। राहुल गांधी ने कहा था कि जनता पीएम मोदी को डंडे से मारेगी। क्या ये हेट स्पीच नहीं है?
We cannot allow any manipulation of our hard-earned democracy through bias, fake news & hate speech.
As exposed by @WSJ, Facebook’s involvement in peddling fake and hate news needs to be questioned by all Indians. pic.twitter.com/AvBR6P0wAK
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 18, 2020
पत्र में क्या लिखा गया है: पार्टी की ओर से वह पत्र जारी किया गया जो कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा जुकरबर्ग को ईमेल के माध्यम से भेजा गया है। गौरतलब है कि पूरा विवाद अमेरिकी अखबार ‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ की ओर से शुक्रवार को प्रकाशित रिपोर्ट के बाद आरंभ हुआ। इस रिपोर्ट में फेसबुक के अनाम सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि फेसबुक के वरिष्ठ भारतीय नीति अधिकारी ने कथित तौर पर सांप्रदायिक आरोपों वाली पोस्ट डालने के मामले में तेलंगाना के एक भाजपा विधायक पर स्थायी पाबंदी को रोकने संबंधी आंतरिक पत्र में दखलंदाजी की थी।
उधर, फेसबुक ने इस तरह के आरोपों के बीच सोमवार को सफाई देते हुए कहा कि उसके मंच पर ऐसे भाषणों और सामग्री पर अंकुश लगाया जाता है, जिनसे हिंसा फैलने की आशंका रहती है। इसके साथ ही कंपनी ने कहा कि उसकी ये नीतियां वैश्विक स्तर पर लागू की जाती हैं और इसमें यह नहीं देखा जाता कि यह किस राजनीतिक दल से संबंधित मामला है।
फेसबुक ने इसके साथ ही यह स्वीकार किया है कि वह नफरत फैलाने वाली सभी सामग्रियों पर अंकुश लगाती है, लेकिन इस दिशा में और बहुत कुछ करने की जरूरत है। वेणुगोपाल ने फेसबुक के संस्थापक को लिखे पत्र में इस मामले का हवाला दिया और कहा कि इससे कांग्रेस को बहुत निराशा हुई है। उन्होंने जुकरबर्ग को सुझाव दिया, ‘‘फेसबुक मुख्यालय की तरफ से उच्च स्तरीय जांच आरंभ की जाए और एक या दो महीने के भीतर इसे पूरा कर जांच रिपोर्ट कंपनी के बोर्ड को सौंपी जाए। इस रिपोर्ट को सार्वजनिक भी किया जाए।’’ वेणुगोपाल ने यह आग्रह भी किया कि जांच पूरी होने और रिपोर्ट सौंपे जाने तक फेसबुक की भारतीय शाखा के संचालन की जिम्मेदारी नयी टीम को सौपीं जाए ताकि जांच की प्रक्रिया प्रभावित नहीं हो।
(भाषा इनपुट्स के साथ)

