Modi Surname Defamation Case: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ‘मोदी सरनेम’ वाले आपराधिक मानहानि मामले में गुजरात हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। कांग्रेस की ओर से सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में याचिका दाखिल कर तत्काल सुनवाई की मांग की गई। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में तत्काल सुनवाई के लिए राजी हो गया है। 21 जुलाई को इस मामले की सुनवाई की जाएगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी की ओर से यह याचिका दाखिल की गई है। बता दें कि गुजरात हाई कोर्ट ने 7 जुलाई को मामले में राहुल गांधी की दोषसिद्धि को बरकरार रखा था। इसी मामले में निचली अदालत के फैसले के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द हो गई थी।
कांग्रेस ने की जल्द सुनवाई की मांग
कांग्रेस की ओर से इस मामले में सीजेआई के बेंच से जल्द सुनवाई की मांग की गई इससे पहले कांग्रेस की ओर से जो याचिका दाखिल की गई है उसमें कहा गया है कि ‘मोदी’ एक ऐसा अपरिभाषित समूह है जिसका कोई आकार नहीं है। इसके करीब 13 करोड़ लोग देश के विभिन्न हिस्सों में रहते हैं और वे अलग-अलग समुदायों से ताल्लुक रखते हैं। वहीं, भारतीय दंड संहिता की धारा 499/500 के तहत मानहानि का अपराध सिर्फ एक परिभाषित समूह के संबंध में माना जाता है। इसमें कहा गया है कि आईपीसी की धारा 499 के तहत ‘मोदी’ शब्द लोगों के संघ या संग्रह की किसी भी कैटेगरी में नहीं आता है।
राहुल गांधी की याचिका में कहा गया है अगर याचिकाकर्ता को इस मामले में राहत नहीं दी गई तो उनके करियर के आठ साल बर्बाद हो जाएंगे। बता दें कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8(3) के तहत किसी भी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया हो और दो साल की सजा पाने वाला शख्स जेल की अवधि और सजा काटने के बाद भी अगले छह साल तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य रहेगा। इस तरह से कुल 8 साल तक राजनीति से दूर रहना पड़ेगा। अगर राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली तो वह 2024 का लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ा पाएंगे।
क्या है पूरा मामला?
2019 में चुनावी रैली के दौरान राहुल गांधी ने मोदी उपनाम को लेकर टिप्पणी की थी। कर्नाटक के कोलार की एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था- “कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?” इसी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। इस मामले में 23 मार्च को सूरत की CJM कोर्ट ने राहुल को दो साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, कोर्ट ने निर्णय पर अमल के लिए 30 दिन का वक्त दिया था।
