लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते समय प्रधानमंत्री ने कहा, कृषि कानून देश के किसानों को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से ताकतवर बनाने के लिए है, लेकिन विपक्ष, खास तौर पर कांग्रेस पार्टी उनको गुमराह करके उनके मन में गलत धारणा भरने की बात कर रही है। उनके इस बयान पर कांग्रेस पार्टी के सदस्य विरोध करते हुए टोकाटाकी करने लगे।
पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सरकार अपनी कमियां छिपा रही और मूल मुद्दे से सदन का ध्यान हटाना चाहती है। बाद में पार्टी के सदस्य सदन से वॉकआउट कर गए। बाद में मीडिया से बात करते हुए अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया, “प्रधानमंत्री जी के जवाब में हमने बहुत चीजों की अपेक्षा की थी। उन्होंने ये कह दिया कि इससे (कृषि क़ानून) किसी को लाभ हो सकता है किसी को हानि भी हो सकती है। परन्तु सभी के लाभ के लिए क़ानून लाना चाहिए था।”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीन नये कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए बुधवार को कांग्रेस को आड़े हाथों लिया और उसे “विभाजित और भ्रमित” पार्टी करार देते हुए कहा कि वह न तो अपना भला कर सकती है और ना ही देश की समस्याओं के समाधान के लिए सोच सकती है।
प्रधानमंत्री जी के जवाब में हमने बहुत चीजों की अपेक्षा की थी। उन्होंने ये कह दिया कि इससे (कृषि क़ानून) किसी को लाभ हो सकता है किसी को हानि भी हो सकती है। परन्तु सभी के लाभ के लिए क़ानून लाना चाहिए था: अधीरंजन चौधरी, लोकसभा से कांग्रेस के वॉकआउट पर pic.twitter.com/uwEmw7FY4p
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 10, 2021
पीएम के भाषण के दौरान कई बार बीच में टोकने पर पीएम मोदी ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को रोका। कहा, “अधीर जी, अब ज्यादा हो गया है। मैं आप का सम्मान करता हूं। आपको बंगाल में टीएमसी से अधिक प्रचार मिलेगा। चिंता न करें … यह अच्छा नहीं लग रहा है, आप ऐसा क्यों कर रहे हैं?”
कांग्रेस के सदस्यों के वाकआउट करने के बाद पार्टी ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसान आंदोलन में जान गंवाने वालों के बारे में बात करने को तैयार नहीं है और उनके संबोधन से कोई संतुष्टि नहीं मिली। सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, “किसान आंदोलन में 200 से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। फिर भी प्रधानमंत्री ने कुछ कहने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने यह भी कह दिया कि हमारे कानून में किसी को लाभ हो सकता और किसी को हानि हो सकती है। हमने उनसे आग्रह किया कि तीनों कानूनों को वापस लिया जाए, जैसा किसान चाहते हैं।”
अपनी बात रखते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि तीन कृषि कानून कृषि सुधार के लिए हैं। ये कृषि सुधार महत्वपूर्ण और आवश्यक हैं। कहा, “सदन में कांग्रेस के सांसदों ने कानूनों के रंग (काले / सफेद) पर बहस की, बेहतर होता कि वे कानूनों की विषय-वस्तु और मंशा पर बहस करते।”
उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसद लोकसभा में हंगामा करते हैं क्योंकि प्रधानमंत्री राष्ट्रपति के अभिभाषण के मोशन ऑफ थैंक्स के जवाब में कृषि कानून पर बोल रहे हैं।