नागरिकता संशोधन कानून, 2019 (CAA) के जरिए भारत के तीन पड़ोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के छह अल्पसंख्यक समुदाय के नागरिकों को भारतीय नागरिकता देने पर संघर्ष जारी है। नए कानून में इन तीनों देशों के छह अल्पसंख्यक समुदायों हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई, जैन और पारसी को नागरिकता देने का प्रावधान है। कानून में मुस्लिम समुदाय को शामिल नहीं किया, इसपर सरकार का तर्क है कि नया एक्ट तीनों देशों में धर्म के आधार पर पीड़ित अल्पसंख्यक समुदाय को ध्यान में रखकर बनाया गया है और तीनों ही देशों में मुस्लिम अल्पसंख्यक नहीं हैं।
हालांकि विपक्षी दल कांग्रेस सहित विभिन्न राजनीतिक दलों का मानना है कि सरकार ने इस कानून को लाकर भारतीय संविधान की अवहेलना की है, क्योंकि भारतीय संविधान धर्म के आधार पर किसी तरह का कानून बनाने की अनुमति नहीं देता। कानून के खिलाफ पिछले कई सप्ताह से देशभर में प्रदर्शन जारी है। कानून के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के चलते देशभर में 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें सबसे ज्यादा मौतें भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में हुई। आरोप है कि प्रदेश में अधिक मौतें गोली लगने की वजह से हुईं।
नया कानून को एनआरसी से भी जोकर देखा जा रहा है। विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक सीएए के आने और एनआरसी लागू होने के डर से मुस्लिम समुदाय में डर का माहौल हैं। आरोप है कि हाल में विरोध-प्रदर्शन के दौरान मारे प्रदर्शनकारियों के परिजनों से मुलाकात करने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी पहुंची।
हिंदी न्यूज चैनल पर भी टीवी-9 भारतवर्ष पर एनआरसी-सीएए और मुस्लिम तुष्टिकरण को लेकर बहस हुई। जिसमें एंकर निशांत चतुर्वेदी ने कांग्रेस सर्मथक से पूछा कि क्या प्रो मुस्लिम छवि होने के चलते कांग्रेस को चुनाव में नुकसान उठाना पड़ता है और पार्टी अब इससे उबरने की कोशिश कर रह रही है। इसपर पैनल में मौजूद कांग्रेस समर्थक आचार्य प्रमोद कृष्णम खासे भड़क गए। उन्होंने एंकर पर तंज कसते हुए कहा कि वो देश की सोच को संकीर्ण ना करें। उन्होंने कहा कि ऐतराज इस पर है क्या शरणार्थियों का धर्म पूछकर उन्हें शरण दे जाएगी। क्या भारत इतना छोटा हो गया है।
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देशभर में कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद दिल्ली में एक रैली के जरिए सफाई देने पड़ी। उन्होंने साफ कहा कि नए कानून का भारतीय नागरिकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष द्वारा मुस्लिमों डर का माहौल पैदा किया जा रहा है कि सीएए के बाद एनआरसी आएगा, जिसके बाद मुस्लिमों को डिटेंशन सेंटर मे डाल दिया जाएगा। पीएम मोदी ने आगे कहा कि सीएए और एनआरसी का किसी भी भारतीय पर कोई असर नहीं पड़ेगा।