1991 में नरसिम्हा राव की अगुवाई वाली सरकार में वित्त मंत्री रहे मनमोहन सिंह ने अपना पहला बजट पेश किया था। इस बजट को देश में आर्थिक उदारीकरण की नींव माना जाता है। उदारीकरण के 30 साल पूरे होने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वर्तमान आर्थिक हालात को लेकर मोदी सरकार को नसीहत दी है। इसी मुद्दे पर टीवी डिबेट के दौरान कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने मनमोहन सिंह का खूब गुणगान किया और नरेंद्र मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि अभी के आईटी मिनिस्टर जासूसी के अलावा कोई बात ही नहीं करते हैं।
आजतक न्यूज चैनल पर आयोजित टीवी डिबेट शो के दौरान एंकर चित्रा त्रिपाठी ने कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ से सवाल पूछते हुए कहा कि भाजपा के नेता कहते हैं कि जब पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कांग्रेस नेता बनकर सलाह देते हैं तो उनकी सलाह ठीक नहीं होती है। इसके जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि 2004 से लेकर 2014 तक औसतन जीडीपी की विकास दर 7.7% थी। 2014 से लेकर 2020 तक जीडीपी की विकास दर प्रतिवर्ष 4.8% थी।
. @GouravVallabh ने अर्थव्यवस्था पर मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया #हल्ला_बोल | @chitraaum pic.twitter.com/xBSngHL3r0
— AajTak (@aajtak) July 24, 2021
गौरव वल्लभ ने कहा कि इसके दो कारण रहे। पहला बिना किसी को बताए नोटबंदी कर दी गई और दूसरा आजादी के जश्न की तरह रात में संसद खुलवाकर जीएसटी लागू कर दिया गया। इसकी वजह से जो बेरोजगारी दर 2012 में 2% थी वह आज करीब 7.5% है। आगे गौरव वल्लभ ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुणगान करते हुए कहा कि उनके द्वारा बनाई आर्थिक नीति की वजह से देश में नया मिडिल क्लास बना। छोटे छोटे कस्बों से निकलकर कई लोग बड़े शहरों में अपना अपना काम करने लगे।
इस दौरान गौरव वल्लभ ने यह भी कहा कि आईटी सेक्टर भी मनमोहन सिंह और राजीव गांधी की ही देन है। लेकिन आज आईटी मंत्री सिवाय जासूसी के कोई बात ही नहीं करते हैं। पुराने वाले आईटी मंत्री ट्विटर के अलावा कोई बात ही नहीं करते। दुनियाभर के आईटी मंत्री मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बात करते हैं और हमारे वाले कहते हैं कि ट्विटर को हटाओ..दूसरे वाले कहते हैं कि जासूसी कराओ।
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वर्तमान सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि देश के लिए आगे का समय 1991 के दौरान उपजे आर्थिक संकट से भी ज्यादा चुनौती भरा है। अर्थव्यवस्था के लिहाज से देश में काफी मुश्किल वक्त आने वाला है। इसलिए हमें अपनी प्राथमिकताएं तय करनी होगी ताकि हर देशवासी के लिए एक अच्छा और समृद्ध जीवन सुनिश्चित हो सके।