देवेंद्र फड़णवीस ने मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राज्यपाल भगत सिंह कोश्योरी को इस्तीफा सौंपा। सुप्रीम कोर्ट ने फड़णवीस सरकार को बुधवार को फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करने के लिए कहा था। इससे पहले उपमुख्यमंत्री अजित पवार के इस्तीफा देने के बाद फडणवीस ने स्वीकार किया कि उनके पास बहुमत नहीं रह गया था। इस्तीफे पर कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी आलाकमान की जमकर आलोचना की है। कांग्रेस ने कहा है कि देवेंद्र फड़णवीस का इस्तीफा दिल्ली में उनके आकाओं के मुंह पर तमाचा है।
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि ‘यह फड़णवीस की हार तो है ही लेकिन यह दिल्ली में बैठे उनके आकाओं के मुंह पर तमाचा भी है। ‘लोगों के जनादेश का अपहरण करने वालों’ की असलियत सामने आ गई है।’
उन्होंने आगे कहा ‘‘जनमत’ को अगुवा करने वालों के ‘अल्पमत’ की पोल खुल ही गई। अब साफ है कि बीजेपी में चाणक्यनीति के मायने प्रजातंत्र का अपहरण है। देवेंद्र फड़णवीस और अजित पवार को महाराष्ट्र की जनता से माफी मांगनी चाहिए। उनकी सरकार झूठ व दलबदल पर आधारित थी जो ताश के पतों सी गिर गई। आज का दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की जबाबदेही भी सुनिश्चित करने का है।’
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी फड़णवीस का इस्तीफा स्वीकार करें और शिवसेना-कांग्रेस-राकांपा गठबंधन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करें। पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने पत्रकारों से कहा, ‘अवैध तरीके से मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री बने लोगों ने इस्तीफा दे दिया है। हमें उम्मीद है कि राज्यपाल अपने पद का दायित्व निभायेंगे। वह महाराष्ट्र विकास अघाड़ी को सरकार बनने का न्यौता दें।’

