कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के मुताबिक कांग्रेस पार्टी प्रियंका गांधी वड्रा के सक्रिय राजनीति में आने के पक्ष में है लेकिन इसका फैसला परिवार को करना है। दिग्विजय के मुताबिक उनमें जननेता के तौर पर उभरने की क्षमता है। जब दिग्विजय से पूछा गया कि क्या प्रियंका उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगी, जो अगले साल की शुरुआत में होने हैं, तो उन्होंने कहा, ‘यह फैसला परिवार का होगा।’ मध्य प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे सिंह ने यहां इंटरव्यू में कहा, ‘जहां तक हमारी (कांग्रेस पार्टी की) बात है तो अगर वह सक्रिय राजनीति में आती हैं तो हम बहुत खुश होंगे।’
क्या प्रियंका उत्तर प्रदेश में नेहरु-गांधी परिवार का गढ़ माने जाने वाले अमेठी और रायबरेली के बाहर प्रचार करेंगी तो उन्होंने कहा, ‘फैसला उनका और उनके परिवार का होगा।’ क्या प्रियंका में उनकी दादी इंदिरा गांधी जैसी क्षमताएं हैं तो दिग्विजय सिंह ने कहा कि वह अद्भुत रूप से इंदिरा गांधी से काफी मिलती हैं लेकिन वह फिलहाल यह नहीं कह सकते कि उनमें समान क्षमताएं हैं या नहीं।
जब दिग्विजय से पूछा गया कि क्या प्रियंका जननेता के तौर पर उभर सकती हैं तो उन्होंने कहा, ‘उनमें क्षमता है।’ क्या राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने में देरी से पार्टी की संभावनाएं प्रभावित हो रहीं हैं, इस सवाल पर उन्होंने कहा, ‘नहीं, यह फैसला कांग्रेस अध्यक्ष (सोनिया गांधी) को करना है और समय आने पर वह फैसला करेंगी।’ दिग्विजय सिंह ने हालिया विधानसभा चुनावों के एक्जिट पोल के नतीजों पर बातचीत करने से इनकार करते हुए कहा कि उन्हें इन पर भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मुझे इन पर भरोसा नहीं है। यह सवाल बहुत काल्पनिक है।’
अगर पुराने अनुभवों को देखें तो क्या 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को हराने के लिए एक गैर-भाजपाई मोर्चा खड़ा करने के जदयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रयास बेकार साबित होंगे, इस प्रश्न पर सिंह ने कहा, ‘नहीं, ऐसा नहीं है। महागठबंधन ने बिहार में काम किया है।’ क्या कांग्रेस नीतीश कुमार की ऐसी किसी पहल में शामिल होगी, इस बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि पार्टी स्तर पर यह फैसला कांग्रेस अध्यक्ष और कांग्रेस वर्किंग कमेटी को करना है। नरेंद्र मोदी सरकार के दो साल के कार्यकाल के मूल्यांकन पर उन्होंने कहा, ‘प्रचार बहुत ज्यादा, काम बहुत कम।’