बुधवार को पंजाब में प्रधानमंत्री मोदी का काफिला रोके जाने के बाद राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। भाजपा नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के लिए पंजाब की कांग्रेस सरकार को दोषी ठहराया है। हालांकि कांग्रेस नेता भी पंजाब की चन्नी सरकार के बचाव में आ गए हैं। इसी बीच पंजाब से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और कहा है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा राजनीतिक फुटबॉल नहीं है। 

आनंदपुर साहिब से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा कोई राजनीति‍क फुटबॉल नहीं है। यह बहुत संवेदनशील मुद्दा है। प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए एक कानून बना है, ज‍िसका नाम एसपीजी एक्‍ट है। जिसके तहत प्रधानमंत्री और उनके परिवार की सुरक्षा की जाती है। अगर प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कोई चूक हुई है तो इसकी जांच हाईकोर्ट के वर्तमान जज द्वारा की जानी चाहिए। जो भी जिम्मेदार हैं, उनके ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए।  

गौरतलब है कि पंजाब के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में बुधवार को उस वक्त चूक की घटना हुई, जब फिरोजपुर में कुछ प्रदर्शनकारियों ने उस सड़क मार्ग को अवरुद्ध कर दिया जहां से उन्हें गुजरना था। इस वजह से प्रधानमंत्री एक फ्लाईओवर पर करीब 20 मिनट तक फंसे रहे। घटना के बाद प्रधानमंत्री किसी कार्यक्रम में शामिल हुए बिना दिल्ली लौट आए। 

हालांकि पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई और इसके पीछे कोई राजनीतिक मंशा नहीं थी। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उनकी सरकार किसी भी जांच को तैयार है। पंजाब सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी के फिरोजपुर दौरे के दौरान सुरक्षा में हुई चूक की जांच के लिए दो सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। कमेटी तीन दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। 

गुरुवार को कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस कर पंजाब की चन्नी सरकार का बचाव किया। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि प्रधानमंत्री बयान देते हैं कि मैं सुरक्षित लौट आया हूं, इसलिए धन्यवाद। आपको कौन सा खतरा हो गया था? क्या आपकी गाड़ी पर पथराव हो गया था? क्या आपको काले झंडे दिखाए गए? ऐसी कौन सी घटना घट गई थी कि आपको ये बयान देने की ज़रूरत पड़ गई? इसका मतलब ये है कि आप विशुद्ध रूप से राजनीति कर रहे हैं? सुरक्षा तो केवल एक बहाना है, आप वहां केवल राजनीति चमकाने गए थे। इसके अलावा आपका मक़सद और कुछ भी नहीं।