मोदी सरकार UCC (Uniform Civil Code) को इस साल संसद के मानसून सत्र में लाने की तैयारी कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, इसी सत्र में समान नागरिक संहिता को संसद में लाया जा सकता है। इस मुद्दे पर मचे घमासान के बीच कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी का कहना है कि यूसीसी एकरूपता लाने के लिए नहीं है।
मनीष तिवारी ने कहा कि जब संसद की स्थायी समिति का गठन होता है, तो पूरे साल का एजेंडा तय होता है। क्या समान नागरिक संहिता उस एजेंडे का हिस्सा था, जिस पर स्थायी समिति ने आम सहमति बनाई थी। पिछले सितंबर-अक्टूबर में कानून और न्याय का पुनर्गठन किया गया था? उन्होंने कहा कि सुशील मोदी को इसका जवाब देना चाहिए क्योंकि स्थायी समिति एक राजनीतिक उद्देश्य की पूर्ति की कोशिश कर रही है। किसी भी मामले में, यूसीसी एकरूपता लाने के लिए नहीं है।
यूसीसी पर अपना रुख साफ करे अकाली दल
केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने अकाली दल से अपने सहयोगी दल भाजपा की समान नागरिक संहिता को लागू करने की मांग पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा। भाजपा नेता नरेंद्र मोदी के हालिया भाषण का जिक्र करते हुए जिसमें उन्होंने समान नागरिक संहिता की वकालत की थी, तिवारी ने कहा कि इसके लागू होने से सिख समुदाय का आनंद विवाह अधिनियम भी निरस्त हो जाएगा।
3 जुलाई को UCC पर संसदीय समिति की बैठक
समान नागरिक संहिता पर कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय पर संसदीय स्थायी समिति के प्रमुख और भाजपा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि कमेटी में सभी दलों के लोग हैं, तीन जुलाई को चर्चा होगी। जरूरत पड़ी तो उसके बाद बैठक होगी। समिति की बैठक गैर राजनीतिक है। समिति महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करती है। इस बार हमारी चर्चा विधि आयोग की रिपोर्ट पर होगी। समिति पूरी तरह से तटस्थ है।
मोदी सरकार यूसीसी बिल को इसी मानसून सत्र में संसदीय समिति को भेज सकती है। समान नागरिक संहिता को लेकर 3 जुलाई को दोपहर 3 बजे संसदीय समिति की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में सांसदों की राय जानी जाएगी। इस बैठक में लॉ कमीशन के अलावा कानूनी जानकार भी मौजूद रहेंगे।
UCC का ड्राफ्ट लगभग पूरा
UCC पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट बनाने वाली कमेटी ने एक साल से अधिक समय से लोगों के बीच जाकर काम किया है। ड्राफ्ट लगभग पूरा होने की तरफ है। हमें जैसे ही ड्राफ्ट मिलेगा, हम उसका अवलोकन करेंगे। उसके बाद उसे आगे की कार्रवाई में बढ़ाएंगे।