राजस्थान के सांगोद से कांग्रेस विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने सीएम अशोक गहलोत को एक पत्र लिखकर राज्य के खनिज मंत्री पर जमकर हमला बोला है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि प्रदेश में अगर खनन माफिया पर काबू पाना है तो प्रदेश के खनिज मंत्री को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर देना चाहिए।
“अवैध खनन शासन के संरक्षण के बिना संभव नहीं”:
सीएम गहलोत के नाम पत्र में उन्होंने लिखा, “आपका ध्यान भरतपुर के पर्वतों में अवैध खनन के खिलाफ 551 दिन से धरना दे रहे साधु संतों पर दिलवाना चाहता हूं। जिन्होंने आत्महत्या की कोशिश की। अवैध खनन का सीधा संबंध गुंडागिरी है। जोकि शासन के संरक्षण के बिना संभव नहीं है। आत्महत्या के प्रयास पर आपने एक प्रेस कांफ्रेंस की थी। जिसमें आपके साथ खनिज मंत्री भी आपके साथ थे।
अपने गृह जिले में फैलाया भ्रष्टाचार:
भरत सिंह ने लिखा, “प्रदेश का सबसे बड़ा खनन माफिया प्रदेश का खनिज मंत्री ही है। इनके द्वारा अवैध खनन के मामले अपने गृह जिले में रिकॉर्ड कायम किया गया है। जंगल, जमीन, नदी, नालों पर अवैध खनन करवाकर इन्होंने भ्रष्टाचार मचा रखा है।”
आत्मदाह की चेतावनी दी:
उन्होंने अगाह करते हुए लिखा, “इस संबंध में आपको मैं कई पत्र लिख चुका हूं। अवैध खनन रोकने का एक मात्र रास्ता अगर भरतपुर के साधु वाला मार्ग ही है तो मुझे इस कारगर मार्ग पर चलकर आपतक बात पहुंचानी पड़े तो, कृपया इंतजार करें।”
बता दें कि भरत सिंह का आरोप है कि साधू 501 दिन से अपनी मांगों के साथ धरने पर बैठे हैं। उनकी सरकार में कोई सुनने वाला नहीं। ऐसे में उन्होंने आत्मदाह की कोशिश की। उन्होंने कहा कि अगर आपतक अपनी बात पहुंचाने के लिए यही रास्ता कारगर है तो फिर आप इंतजार कीजिए। गौरतलब है कि भरत सिंह खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया के भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कई पत्र लिख चुके हैं।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पूछा सवाल:
वहीं केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस पत्र को लेकर सवाल किया है कि कांग्रेस के ही विधायक का अपने मुखिया से पूछना कि क्या अवैध खनन रोकने के लिए अपना जीवन खतरे में डालकर संदेश देना होगा? एक बड़ा सवाल है। गहलोत जी को जुबानी जमाखर्च के बजाय कड़ा निर्णय लेकर दिखाना चाहिए।
मालूम हो कि अवैध खनन का मामला सिर्फ एक राज्य तक ही सीमित नहीं है। कई अन्य राज्यों में भी अवैध खनन करने वालों के हौसले बुलंद हैं। ताजा मामला हरियाणा के तावडू (नूंह) से सामने आया है। जहां डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्नोई की खनन माफियाओं ने जान ले ली। जिसके बाद से अवैध माइनिंग माफिया पर कार्रवाई एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है।