देश में कई पार्टियों के नेताओं ने रविवार को अपना बागी रूख दिखाया है। कहीं किसी नेता ने अपनी पार्टी से इस्तीफा दे दिया तो कहीं किसी ने दूसरी पार्टी का दामन थाम लिया है। असम कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रिपुन बोरा ने अपनी ही पार्टी के नेताओं पर सवाल खड़ा करते हुए इस्तीफा दे दिया है। वहीं कर्नाटक में कांग्रेस के पूर्व नेता ने जेडीएस का दामन थाम लिया है। बंगाल में बीजेपी के एक विधायक ने भी बागी रूख अपना लिया है।

असम कांग्रेस- असम कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा के पूर्व सांसद रिपुन बोरा ने रविवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया और टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी की मौजूदगी में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गए। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपने त्याग पत्र में पार्टी को धन्यवाद देते हुए, रिपुन बोरा ने लिखा कि पार्टी से इस्तीफा देने का इतना कठोर निर्णय लेने के लिए मजबूर किया गया।

उन्होंने लिखा- “भाजपा के खिलाफ लड़ने के बजाय, असम कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का एक वर्ग मुख्य रूप से मुख्यमंत्री के साथ भाजपा सरकार के साथ गुप्त समझौता कर रहा है।”

कर्नाटक- कांग्रेस के पूर्व नेता सीएम इब्राहिम रविवार को कर्नाटक में जनता दल (सेक्युलर) में शामिल हो गए। पूर्व कांग्रेस नेता ने बेंगलुरु में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं एचडी देवेगौड़ा और एचडी कुमारस्वामी की उपस्थिति में जद(एस) की राज्य इकाई के पार्टी अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला।

समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार इब्राहिम ने इस अवसर पर कहा- “जद (एस) सबसे पुरानी पार्टी है और उसके प्रत्येक गांव में 5-10 समर्पित कार्यकर्ता हैं। हमें केवल उन्हें मजबूत करना है। अगली बार जद (एस) सरकार बनाएगी और एचडी कुमारस्वामी यहां के सीएम बनेंगे। कर्नाटक के लोग मुझे अपना बेटा मानते हैं”।

बंगाल में भी बगावत- पश्चिम बंगाल उपचुनाव में बीजेपी की हार के बाद पार्टी में बगावत उठ खड़ी हुई है। मुर्शिदाबाद से भाजपा विधायक गौरी शंकर घोष ने उदासीनता का हवाला देते हुए राज्य समिति सचिव पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी पर अनदेखी करने का आरोप लगाया है।