पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज ने जम्मू कश्मीर से आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल(पावर) एक्ट(आफ्स्पा) हटाने की मांग की है। उन्होंने शनिवार को कहा कि जब यूपीए सरकार थी तब रक्षामंत्री को छोड़कर बाकी सभी आफ्स्पा को हटाने को राजी थे। उनका मानना था कि इसके चलते देश की बदनामी हुई है और इसकी जरूरत नहीं है। सोज ने कहा,’हकीकत में मैंने तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदम्बरम से इस बारे में पूरी गंभीरता से बात की थी। चिदम्बरम ने मान लिया था कि इस कानून की बिलकुल जरूरत नहीं है। साथ ही इसके कारण देश की बदनामी हुई है। अपने सभी साथियों को आफ्स्पा हटाने के लिए मनाने के बावजूद चिदम्बरम रक्षा मंत्रालय को राजी नहीं कर पाए। इसका उन्हें मलाल है।’
उन्होंने कहा कि वह पिछले कई सालों से आफ्स्पा को हटाने की पैरवी कर रहे हैं। सोज ने कहा,’आज मेरा यह मानना है कि इस कानून के कारण कश्मीर में अलगाव बढ़ता है और गहरा होता है। मेरी इच्छा है कि दिल्ली के राजनेता इस बात को समझे कि यह कानून आइडिया ऑफ इंडिया के खिलाफ है। इसे जल्द से जल्द खत्म किया जाए।’ बता दें कि दो दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस नेता डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने भी आफ्स्पा को हटाने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि समय की जरूरत है कि आफ्स्पा हटाया जाए।
अब्दुल्ला ने केंद्र से कहा था कि कश्मीर में राजनीतिक अलगाववादिता केा दूर करने के लिए गंभीरता से प्रयास किए जाए। साथ ही राज्य के युवाओं में अखंडता और समन्वयता को बढ़ाया जाए। अनंतनाग में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने कहा,’बैरभाव को शत्रुता से दूर नहीं किया जा सकता।’ उन्होंने केंद्र सरकार से युवाओं में कमजोर हुए विश्वास को फिर से बढ़ाने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने की मांग की।