यूपी चुनाव के लिए प्रियंका गांधी ने अपनी रणनीति को लेकर मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस की। जिसमें कांग्रेस का नारा भी लॉन्च किया गया। कांग्रेस ने अगले यूपी विधानसभा चुनाव में 40 प्रतिशत सीटें महिलाओं को देने का ऐलान किया है।

प्रियंका गांधी ने लखनऊ कांग्रेस ऑफिस में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि हमारा फैसला यूपी की हर महिलाओं के लिए है। विकास कार्यों में महिलाओं की भागीदारी जरूरी है। महिलाएं सेवा भाव से देश की तस्वीर बदल सकती हैं। प्रियंका ने आगे कहा कि राजनीति में बदलाव के लिए संघर्ष करने की जरूरत है। यूपी में महिलाओं को हक मिलेगा तो फिर केंद्र में हक मिलेगा। खुद के चुनाव लड़ने पर प्रियंका ने कहा कि अभी वो इसपर निर्णय नहीं ली हैं, कुछ समय बाद इसपर निर्णय लेंगी।

कांग्रेस ने इस प्रेस कांफ्रेंस में सिर्फ महिला आरक्षण के मुद्दे पर ही सवाल पूछने के लिए मीडिया से कहा। कांग्रेस ने कहा कि यह ऐतिहासिक फैसला है। आजतक किसी भी पार्टी ने इस तरह के फैसले नहीं लिए हैं। प्रियंका गांधी ने कहा कि ये फैसला सिर्फ महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए है और किसी भी तरह की कोई सोच इस फैसले के पीछे नहीं है। उम्मीदवारों के चयन के सवाल पर उन्होंने कहा कि कैंडिडेट्स की क्षमता ही उन्हें टिकट दिलवाएगी।

इस घोषणा को उत्तर प्रदेश में महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए कांग्रेस पार्टी के कदम के रूप में देखा जा रहा है। प्रियंका ने कहा कि उत्तर प्रदेश चुनाव में महिलाओं की पूरी भागीदारी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि मैं उनके लिए लड़ रही हूं जिनकी आवाज को आज यूपी में दबाया जा रहा है। यूपी में शोषितों की आवाज को कुचलने का काम किया जा रहा है। हमारी लड़ाई बदलाव के लिए है।

हालांकि प्रियंका गांधी ने तो महिला आरक्षण की घोषणा कर दी है, लेकिन कांग्रेस के सामने टिकट को लेकर भी कम चुनौतियां नहीं है। सवाल ये है कि क्या कांग्रेस को 100 से ज्यादा संख्या में मजबूत महिला उम्मीदवार मिल पाएंगी। टिकट के इंतजार कर रहे लोगों को इस फैसले के लिए कैसे मनाएगी।

परंपरागत रूप से, उत्तर प्रदेश के चुनावों में अबतक जाति ने एक प्रमुख भूमिका निभाई है। अगले साल होने वाले चुनावों के लिए भी यही पैटर्न रहने की संभावना है। ऐसे में प्रियंका का महिला कार्ड कितना सफल होगा कहा नहीं जा सकता।