भारतीय निर्वाचन आयोग में नए चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लोकसभा चुनाव तक टालने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। याचिका कांग्रेस नेता जया ठाकुर की ओर से दायर की गई है। इसमें उन्होंने कोर्ट से यह निर्देश देने का अनुरोध किया है कि नियुक्तियां लोकसभा चुनाव के बाद ही की जाएं। देश में चुनाव आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों (नियुक्ति की शर्तें और सेवा की शर्तें और कार्यालय की शर्तें अधिनियम 2023) की धारा 7 और 8 में निर्धारित है।
चयन में सीजेआई के भी शामिल होने की मांग की गई
याचिका में जया ठाकुर ने मांग की है कि नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के फैसले के मुताबिक होनी चाहिए। फैसले में यह निर्देश दिया गया था कि चुनाव आयुक्तों का चयन देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI), प्रधानमंत्री और लोकसभा में विपक्ष के नेता की कमेटी करे।
15 मार्च को चयन समिति की बैठक होने की संभावना
ऐसा माना जा रहा है कि नए चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए नामों को अंतिम रूप देने के लिए 15 मार्च को चयन समिति की बैठक हो सकती है। इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। निर्वाचन आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय की पिछले महीने रिटायर होने और अरुण गोयल के अचानक इस्तीफा देने से दोनों चुनाव आयुक्तों के पद खाली हो गए हैं।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए याचिकाकर्ता जया ठाकुर ने कहा, ”मैंने याचिका दायर की है कि इन पर लगाम लगाई जाए और सभी चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति पारदर्शी तरीके से की जाए। साथ ही एक कमेटी बनाई जाए जिसमें प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) शामिल हों, जिससे यह पारदर्शी तरीके से किया जा सके…”
याचिकाकर्ता और कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने कहा, “हमारा प्रयास है कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्तियों में कुछ पैरामीटर स्थापित किए जाएं।” इस बीच सोमवार को नई दिल्ली में चुनाव आयोग के प्रेक्षकों की बैठक हुई। इसमें लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों को लेकर चर्चा की गई।