कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत के हिंदू-मुस्लिमों के डीएनए को लेकर दिए गए बयान पर निशाना साधा है। दिग्विजय ने कहा कि अगर संघ प्रमुख अपने विचारों के प्रति ईमानदार हैं तो उन्हें पहले उन लोगों को पद से हटाने का निर्देश देना चाहिए जिन्होंने मुसलमानों को प्रताड़ित किया है। दिग्विजय ने भागवत और ओवैसी की तुलना करते हुए ट्वीट में कहा, “कुछ हिंदुओं के ठेकेदार हैं, कुछ मुसलमानों के ठेकेदार। असल में दोनों एक-दूसरे के हैं मददगार।”
गौरतलब है कि भागवत ने रविवार को कहा कि सभी भारतीयों का डीएनए एक है और मुसलमानों को ‘डर के इस चक्र में’ नहीं फंसना चाहिए कि भारत में इस्लाम खतरे में है। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग मुसलमानों से देश छोड़ने को कहते हैं, वे खुद को हिन्दू नहीं कह सकते। गौरतलब है कि भागवत राष्ट्रीय मुस्लिम मंच द्वारा ‘हिन्दुस्तानी प्रथम, हिन्दुस्तान प्रथम’ विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि लोगों में इस आधार पर अंतर नहीं किया जा सकता कि उनका पूजा करने का तरीका क्या है।
इसी को लेकर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कई ट्वीट किए। इनमें उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप अपने व्यक्त किए गए विचारों के प्रति ईमानदार हैं तो भाजपा में उन सभी नेताओं को उनके पदों से तत्काल हटाने का आदेश दें जिन्होंने निर्दोष मुसलमानों को प्रताड़ित किया है। शुरूआत नरेंद्र मोदी व योगी आदित्यनाथ से करें।’’
दिग्विजय का सवाल- मोदी-शाह को सीख देंगे भागवत?: उन्होंने कहा, ‘‘संघ प्रमुख मोहन भागवत बोले कि हिंदू और मुस्लिम अलग नहीं…, सभी भारतीयों का डीएनए एक है। मोहन भागवत जी, यह विचार क्या आप अपने शिष्यों, प्रचारकों, विश्व हिंदू परिषद/ बजरंग दल कार्यकर्ताओं को भी देंगे? क्या यह शिक्षा आप मोदी -शाह जी व भाजपा मुख्यमंत्री को भी देंगे?’’
सिंह ने दावा किया, ‘‘मुझे मालूम है आप ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि आपकी कथनी और करनी में अंतर है।’’ कांग्रेस नेता कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘आपने सही कहा है कि हम पहले भारतीय हैं लेकिन हुज़ूर, अपने शिष्यों को तो पहले समझाएं। वे मुझे कई बार पाकिस्तान जाने की सलाह दे चुके हैं!! …. देखते हैं।’’
ओवैसी ने भी बोला भागवत पर हमला: इससे पहले AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी ट्वीट कर भागवत पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था, ‘‘ आरएसएस के भागवत ने कहा “लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी”। इन अपराधियों को गाय और भैंस में फ़र्क़ नहीं पता होगा लेकिन क़त्ल करने के लिए जुनैद, अखलाक़, पहलू, रकबर, अलीमुद्दीन के नाम ही काफी थे। यह नफ़रत हिंदुत्व की देन है, इन मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार का संरक्षण हासिल है।’’
उन्होंने भीड़ द्वारा पीट पीट कर कथित तौर पर जान लेने की कुछ घटनाओं का जिक्र करते हुए सवाल किया, ‘‘केंद्रीय मंत्री के हाथों अलीमुद्दीन के कातिलों का माल्यार्पण होता है, अखलाक़ के हत्यारे की लाश पर तिरंगा लगाया जाता है, आसिफ़ को मारने वालों के समर्थन में महापंचायत बुलाई जाती है, जहां भाजपा का प्रवक्ता पूछता है कि “क्या हम हत्या भी नहीं कर सकते?’’ ओवैसी ने दावा किया, ‘‘कायरता, हिंसा और क़त्ल करना गोडसे की हिंदुत्व वाली सोच का अटूट हिस्सा है। मुसलमानो की लिंचिंग भी इसी सोच का नतीजा है।’’