कांग्रेस के दिग्गज नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक ट्वीट के जरिए दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों और उनके नेताओं पर तीखा हमला बोला है। पूर्व सीएम ने कहा कि जब महात्मा गांधी के नेतृत्व में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई अपने चरम पर थी तब सावरकर और गोलवलकर जैसे नेता हिंदुओं को अंग्रेजों की फौज में भर्ती होने आह्वान कर रहे थे। सोमवार (30 दिसंबर, 2019) सुबह किए ट्वीट में कांग्रेस नेता एक तस्वीर भी पोस्ट की है।

जिसमें लिखा गया, ”मादरे वतन भारत की जय’ का नारा 1857 में अजीमुल्लाह खान ने दिया। ‘जय हिंद’ का नारा आबिद हसन सफरानी ने दिया। ‘भारत छोड़ो’ का नारा यूसुफ मेहर अली ने दिया। ‘इंकलाब जिंदाबाद’ का नारा मौलाना हसरत मोहानी ने दिया।’ ट्वीट में आगे कहा गया कि इनमें कोई भी ना तो ‘हिंदू राष्ट्रवाद’ का समर्थक था और नहीं कोई आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद या भाजपा का सदस्य था।

इन्हीं चारों स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीरें शेयर करते हुए कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया। इसमें कहा गया, ‘आजादी की लड़ाई में जब इन नारों की गूंज में महात्मा गांधी के नेतृत्व में लड़ी जा रही थी तब सावरकर, गोलवलकर, RSS और हिंदू महासभा के नेता हिंदुओं को अंग्रेजों की फौज में भर्ती होने का आव्हान कर रहे थे। सिंह के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया में यूजर्स ने भी प्रतिक्रियाएं दी हैं।

एक यूजर लिखते हैं, ‘तो फिर क्या हुआ।’ वीरे नाम से ट्वीट किया गया, ‘भाजपा और आरएसएस वाले कभी देशभक्त नहीं बन सकते।’ दुष्यंत कुमार लिखते हैं, ‘जब तुम्हारा “पाकिस्तान जिंदाबाद” कहना गलत नहीं तो हमारा “पाकिस्तान चले जाओ” कहना कैसे गलत हुआ??’ केसी त्यागी लिखते हैं, ‘आजादी के बाद जब हिन्दू व मुस्लिम के आधार पर देश के दो टुकड़े करने की साजिश जिन्ना व नेहरू रच रहे थे। उस दौर में किसने क्या आवाह्नन किया? उसका भी उल्लेख करें।’

इसी तरफ मदन पटेल लिखते हैं, ‘जब इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाई थी तब हिंदुओं और सिखों की ही नसबंदी क्यों करवा रहे थे? इसका भी जवाब दो।’ देवी प्रसाद लिखते हैं, ‘अंग्रेजो से जो लड़े उन्हीं को फांसी व काला पानी की सजा हुई थी, और सत्ता पर आप बैठ गए !! गजब सोच है। कहां से लाते हो ऐसी हरकत?’ अंजील पटेल लिखते हैं, ‘जब भगतसिंह सिंह ने असेंबली मे बम फेका था तब गांधी-नेहरू ने क्या किया था ये हिंदुस्तान की आम जनता को पता है।’