मनीष तिवारी की किताब पर विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। टीवी डिबेट पर भी इस मुद्दे पर सियासतदानों के बीच तीखी नोंकझोंक देखने को मिल रही है। समाचार चैनल न्यूज 18 इंडिया के कार्यक्रम आर-पार में एंकर अमिश देवगन ने 26/11 हमलों को लेकर कांग्रेस के प्रवक्ता आचार्य प्रमोद से सवाल किया तो उन्हें कांग्रेस नेताओं पर हुए हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस ने कभी भी आतंक के मुद्दे पर समझौता नहीं किया। उन्होंने कहा कि जिस पार्टी ने पाकिस्तान को अलग किया, अफजल गुरु और कसाब को फांसी पर लटकाया, क्या वह पार्टी आतंकियों के मामले पर समझौता करेगी।
उन्होंने बीजेपी का घेराव करते हुए पूछा कि क्या गलवान में भारतीय सैनिकों की शहादत पर क्या बीजेपी ने चीन के खिलाफ सख्त कदम उठाया। उन्होंने कार्यक्रम में शामिल जेडीयू प्रवक्ता से पूछा कि आज आप सरकार में, तो पाकिस्तान पर हमला क्यों नहीं करते हैं, कश्मीर में पाकिस्तान रोज रोज हमारे जवानों को शहीद कर रहा है तो क्यों नहीं हमला करते हैं। इसी दौरान उन्होंने कहा कि हिंदू आतंकवाद जैसे शब्द को मैं खारिज करता हूं, उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं जो हिंदू है वो आतंकवादी नहीं हो सकता है।
इसके जवाब में डिबेट में मौजूद जेडीयू प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि आचार्य जी, अगर आप हिंदू आतंकवाद शब्द को खारिज करते हैं तो अपने जीवन से कांग्रेस को भी खारिज कर दीजिए, क्योंकि इस शब्द का इस्तेमाल कांग्रेस के नेता सुशील शिंदे ने लोकसभा में किया था। इस शब्द का इस्तेमाल पी चिदंबरम ने किया था, इसलिए अगर आप इस शब्द को खारिज करते हैं तो पहले कांग्रेस से किनारा कीजिए।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सलमान खुर्शीद की किताब से जुड़े मामले के बाद अब कांग्रेस के सीनियर नेता मनीष तिवारी की नई किताब को लेकर बखेड़ा खड़ा हो गया हैं क्योंकि इसमें उन्होंने साल 2008 के मुंबई आतंकी हमले पर जवाबी कार्रवाई को लेकर तत्कालीन UPA सरकार की आलोचना की है। तिवारी ने अपनी किताब ‘10 फ्लैश प्वाइंट्स: 20 इयर्स’ में लिखा है कि कई बार संयम कमजोरी की निशानी होती है और भारत को 26/11 हमले के बाद कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए थी।
लोकसभा सांसद तिवारी ने इस किताब में पिछले दो दशक के देश के सुरक्षा हालात पर प्रकाश डाला है। यह बुक दो दिसंबर से पाठकों के लिए उपलब्ध होगी। उन्होंने इस किताब में मोदी सरकार पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार सेना के ‘माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प’ को खत्म कर भाजपा सरकार ने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को सबसे बड़ा नुकसान पहुंचाया है।