पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले चुनाव में कांग्रेस ने ममता बनर्जी के साथ गठबंधन नहीं करने का फैसला किया है।  2021 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एक बार फिर से वामपंथी दलों के साथ मैदान में उतरेगी। लेफ्ट पार्टियों ने पहले ही कांग्रेस के साथ गठबंधन करने का मन बना लिया था और अब कांग्रेस ने भी इसको हरी झंडी दे दी है। पश्चिम बंगाल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि पार्टी आलाकमान ने लेफ्ट के साथ चुनाव लड़ने के फैसले पर मुहर लगा दी है।

लोकसभा में कांग्रेस के संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। 2016 के विधानसभा चुनाव की तरह कांग्रेस एक बार फिर से लेफ्ट के साथ मिलकर बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल और भाजपा दोनों के खिलाफ चुनाव लड़ेगी। बंगाल में अप्रैल – मई के महीने में चुनाव होने के आसार हैं और सभी पार्टियों ने अभी से इसकी तैयारी शुरू कर दी है।

हालांकि 2016 के चुनाव में भी कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों का यह गठजोड़ सफल नहीं हो पाया था। कांग्रेस को सिर्फ 44 सीटों से संतोष करना पड़ा था जबकि लेफ्ट पार्टियों को 32 सीट मिली थी। वहीँ ममता बनर्जी ने बंगाल की सभी 294 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और उन्हें 211 सीट पर जीत मिली थी। जबकि भाजपा को सिर्फ 3 सीटों से संतोष करना पड़ा था।

लेकिन पिछले साल हुए लोकसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया था। भाजपा ने 42 में से 18 लोकसभा सीट पर जीत प्राप्त की थी जबकि तृणमूल को 22 सीट पर जीत मिली थी। इसके अलावा बची हुई दोनों सीट कांग्रेस के हिस्से में गई थी और लेफ्ट पार्टियों का खाता तक नहीं खुला था। लोकसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का वोट शेयर करीब 40.64 प्रतिशत तक पहुँच गया था।

हालिया दिनों में भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल में तेजी से उभर रही है। तृणमूल के कई कद्दावर नेताओं ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है। वैसे भी जनसंघ के संस्थापक रहे श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बंगाल में कमल खिलाना हमेशा से बीजेपी का सपना रहा है।